Azamgarh news :साइबर अपराध से बचाव हेतु साइबर जन जागरूकता का किया आयोजन
साइबर अपराध से बचाव हेतु साइबर जन जागरूकता का किया आयोजन
आजमगढ़ ब्यूरो चीफ राकेश श्रीवास्तव
I4C द्वारा नेशनल साइबर सिक्योरिटी अवेयरनेस माह (NCSAM) के अंतर्गत साइबर अपराध से बचाव हेतु साइबर जनजागरूकता का आयोजन-
श्रीमान् पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश, लखनऊ महोदय द्वारा प्रदेश में बढ़ते साइबर अपराधों की रोकथाम व आमजनमानस को जागरूक करने के उद्देश्य से सार्वजनिक स्थलों जैसे स्कूल, कॉलेज एवं पुस्तकालयों एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों पर जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए-
इसी क्रम में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ डॉ0 श्री अनिल कुमार के कुशल निर्देशन व अपर पुलिस अधीक्षक यातायात श्री विवेक त्रिपाठी के कुशल मार्गदर्शन एवं क्षेत्राधिकारी सदर श्रीमती आस्था जायसवाल के कुशल नेतृत्व में आज दिनांक 09.10.2025 को बेलइसा चौराहे पर साइबर जागरूकता अभियान के तहत साइबर अपराधो जैसे डिजीटल अरेस्ट मे फर्जी पुलिस अधिकारी, सीबीआई अधिकारी, साइबर पुलिस अधिकारी बनकर पैसे की मांग करना , मोबाइल फोन मे फर्जी एप्प डाउनलोड कराकर या लिंक पर क्लिक कराकर ठगी करना , गिफ्ट / लाटरी के नाम पर स्कैम, सोशल मीडिया (इस्टाग्राम, फेसबुक, एक्स, स्नैपचैट आदि) पर अन्जान व्यक्तियो / महिलाओ से दोस्ती करना, म्यूल अकाउट, फर्जी मोबाइल नम्बर आदि के बारे मे विस्तृत जानकारी देते हुए थाना साइबर क्राइम पुलिस द्वारा लाउडहेलर चलाकर तथा पम्पलेट वितरण कर प्रचार – प्रसार करते हुए आमजनमानस को साइबर अपराधों से बचने के लिए जागरूक किया गया ।
कार्यशाला के दौरान भारत सरकार गृह मंत्रालय द्वारा संचालित साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 एवं www.cybercrime.gov.in पोर्टल के उपयोग के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।
साइबर ठगी का शिकार होने पर तुरंत उक्त नंबर या पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर अपराध को रोका जा सकता है।
प्रमुख बिंदु जिन पर जानकारी दी गई-
बैंकिंग फ्रॉड, क्यूआर कोड स्कैन कर ठगी
व्हाट्सएप हैकिंग, OLX व KYC आधारित ठगी
फर्जी ऐप्स, ऑनलाइन लोन स्कैम, हनी ट्रैपिंग
ATM व इंटरनेट मीडिया से जुड़ी ठगी
निवेश / गेमिंग ऐप के जरिए धोखाधड़ी व अन्य कंप्यूटर से संबंधित धोखाधड़ी
सेक्सटॉर्शन व न्यूड कॉल ब्लैकमेलिंग
मेट्रीमोनियल वेबसाइट पर शादी करने का झांसा देकर धोखाधड़ी
सेक्सटॉर्शन जैसे मामलों में विशेष सावधानी की सलाह-
साइबर अपराधियों द्वारा फर्जी महिला प्रोफाइल बनाकर सोशल मीडिया (विशेषतः फेसबुक) पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जाती है। बाद में व्हाट्सएप नंबर लेकर वीडियो कॉल के माध्यम से अश्लील वीडियो दिखाया जाता है और फिर स्क्रीन रिकॉर्डिंग के माध्यम से ब्लैकमेल कर धन की मांग की जाती है।
जनसामान्य को सलाह दी गई कि –
किसी भी अजनबी की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें।
अनजान नंबर से आने वाली वीडियो कॉल न उठाएं।
यदि कॉल उठानी हो तो कैमरे पर अंगूठा या कवर रखें।
किसी भी प्रकार की ठगी की स्थिति में तुरंत 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।