Azamgarh news:ऐतिहासिक मेले के अंतिम दिन उमड़ी अपार भीड़, सांस्कृतिक वैभव के साथ शांतिपूर्ण रहा समापन , प्रशासन की सतर्कता से हुआ सफल आयोजन
Atraulia. A huge crowd gathered on the last day of the historical fair, the closing ceremony was peaceful with cultural splendor, the event was successful due to the vigilance of the administration.
रिपोर्ट: चन्द्रेश यादव
Azamgarh news :आजमगढ़:शरद पूर्णिमा से प्रारंभ हुआ अतरौलिया का ऐतिहासिक तीन दिवसीय मेला शुक्रवार को अपने तीसरे व अंतिम दिन चरम पर पहुंच गया। नगर पंचायत क्षेत्र में दोपहर से ही श्रद्धालुओं और दर्शकों का सैलाब उमड़ पड़ा। हालात यह रहे कि शाम होते-होते पूरे नगर में तिल रखने तक की जगह नहीं रही। गलियों, चौक-चौराहों और बाजारों में लोगों की चहल-पहल से पूरा नगर जीवंत हो उठा। पूरे नगर पंचायत क्षेत्र में करीब दो दर्जन से अधिक भव्य पंडालों व आकर्षक मूर्तियों की अद्भुत छटा देखने को मिली। शंकर त्रिमुहानी, मुसाफिर चौक, गोला बाजार, बरन चौक, ठाकुरद्वारा, दुर्गा मंदिर, जयसवाल त्रिमुहानी, हनुमानगढ़ी, बब्बर चौक, बालक दास मंदिर सहित सभी स्थानों पर माँ दुर्गा की मनमोहक प्रतिमाएं विराजमान रहीं। देश के प्रसिद्ध मंदिरों की झलक प्रस्तुत करते पंडालों की सुंदर सजावट लोगों को आकर्षित करती रही, वहीं झांकियों ने धार्मिक और सांस्कृतिक उत्साह को और भी प्रबल कर दिया। बच्चों के लिए लगाए गए झूले, चाट-पकौड़ी, जलेबी, चाउमीन जैसी दुकानों पर दिनभर रौनक रही। करवा चौथ के अवसर पर महिलाओं ने भी मेले में जमकर खरीदारी की, जिससे बाजारों में रौनक दोगुनी हो गई।गणेश त्रिभुहानी सेवा समिति की ओर से विधायक डॉ. संग्राम यादव व थाना अध्यक्ष अमित कुमार मिश्र का चुनरी व माल्यार्पण कर भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर रिंकू सोनी, अमित जायसवाल (बिक्की), हिमांशु विनायकर, आकाश सोनी, लकी, रोहित व सागर सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।विधायक डॉ. संग्राम यादव ने कहा, “अतरौलिया का यह मेला हमारी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर है, जो लोगों में आपसी भाईचारा और सौहार्द का प्रतीक है। यहां की एकता और परंपरा पूरे प्रदेश के लिए मिसाल है। ऐसे आयोजनों से न केवल संस्कृति जीवंत रहती है, बल्कि लोगों के बीच आत्मीयता भी बढ़ती है। मैं प्रशासन और मेला समिति को इतने शानदार आयोजन के लिए हार्दिक बधाई देता हूं।”ब्लॉक प्रमुख चंद्रशेखर यादव ने कहा, “इस मेले से हमारी बचपन की यादें जुड़ी हैं। यह केवल आयोजन नहीं, बल्कि हमारी आत्मा से जुड़ी परंपरा है। जब पूरा नगर अपने परिवार की तरह इस पर्व को मनाता है, तो गर्व की अनुभूति होती है। मैं सभी आयोजकों, प्रशासन और स्थानीय नागरिकों को इस सफल मेले के लिए धन्यवाद देता हूं।”,मेले की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क नजर आया। क्षेत्राधिकारी अजय प्रताप सिंह और थाना अध्यक्ष अमित कुमार मिश्र स्वयं हमराहियों के साथ लगातार भ्रमण करते रहे। महिला पुलिसकर्मियों की विशेष तैनाती की गई थी ताकि किसी भी तरह की असुविधा न हो। भीड़ नियंत्रण के लिए अहरौला व महराजगंज थाना की पुलिस टीमों को भी लगाया गया।कड़ी चौकसी और समन्वय के चलते तीन दिवसीय मेला शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। प्रशासन की सतर्कता और पुलिस की मुस्तैदी की लोगों ने खुले दिल से सराहना की। शुक्रवार देर रात तक करीब दो दर्जन छोटी-बड़ी मूर्तियों का विसर्जन प्रशासनिक निगरानी में संपन्न कराया जाएगा। वहीं, शांति व्यवस्था बनाए रखने हेतु डीजे प्रतियोगिता पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया था।बता दे कि अतरौलिया का यह ऐतिहासिक मेला एक बार फिर अपनी संस्कृति, सजावट और अनुशासन के लिए यादगार बन गया ,जिसमें प्रशासन की भूमिका सराहनीय रही।