Azamgarh news:शहर और गांवों में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया करवा चौथ
पति की दीर्घायु के लिए महिलाओं ने रखा निर्जला व्रत, चाँद को अर्घ्य देकर तोड़ा उपवास
आजमगढ़ बलरामपुर से बबलू राय
आजमगढ़ जनपद के बिलरियागंज विकासखंड अंतर्गत शुक्रवार को करवा चौथ का पावन पर्व पूरे श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक महिलाओं ने पति की लंबी उम्र और सुखमय जीवन की कामना करते हुए निर्जला व्रत रखा। सायंकाल चांद दर्शन के बाद सभी ने विधि-विधान से पूजन-अर्चना कर अपना व्रत संपन्न किया। सुबह से ही महिलाओं में करवा चौथ का उत्साह देखने को मिला। सोलह श्रृंगार से सजी महिलाओं ने माता करवा की पूजा-अर्चना की और करवा कथा का श्रवण किया।इस अवसर पर दुर्गा शक्ति सेवा ट्रस्ट की अध्यक्ष पूजा सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखा है। उन्होंने कहा “अब समय बदल रहा है, पति भी अपनी पत्नियों के लिए व्रत रखते हैं, जिससे दोनों के बीच सम्मान और प्रेम का संतुलन बना रहे।”गांवों में भी दिखा परंपरा का अद्भुत नज़ारा,करवा चौथ का पर्व सिर्फ शहरों में ही नहीं, बल्कि गांवों में भी पूरे धूमधाम से मनाया गया।बिलरियागंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाले पटवध कौतुक, चांदपुर, मानपुर, सेठारी, श्रीनगर (सियरहां), गोसड़ी, बसिला, हरखपुर और तोहफापुर सहित कई गांवों की महिलाओं ने पूरे दिन निर्जला व्रत रखा।संध्या समय जब चंद्रमा के दर्शन हुए, तो महिलाओं ने थालियां सजाकर आरती की, करवा घुमाए, और पति के हाथों जल ग्रहण कर व्रत तोड़ा।इस दौरान माहौल में भक्ति और आनंद का सुंदर संगम देखने को मिला।कई जगहों पर सामूहिक पूजन कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें महिलाओं ने एक साथ बैठकर माता करवा की पूजा की, एक-दूसरे की थालियां घुमाईं और “सदा सुहागन रहो” का आशीर्वाद दिया।सांझ के समय महिलाएं पारंपरिक परिधानों में सजीं, हाथों में मेंहदी और थालियों में दीप लिए चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए छतों और आंगनों में उमड़ पड़ीं।
श्रद्धा और एकता का प्रतीक है
करवा चौथ का यह पर्व जहां पति-पत्नी के प्रेम, समर्पण और विश्वास का प्रतीक माना जाता है, वहीं यह सामाजिक एकता और स्त्री-सशक्तिकरण का भी संदेश देता है। पूरे जनपद में यह पर्व शांति, उल्लास और श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ।