Deoria news: सती और भगवान शिव की कथा सुन सुन झूम उठे श्रद्धालु
सती और भगवान शिव की चर्चा सुन झूम उठे श्रद्धालु।
देवरिया।
बरहज तहसील क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम सभा मरवा में श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन भागवत कथा में सती एवं शिव की पावन कथा का रसपान कराते हुए आचार्य पंचानंद त्रिपाठी ने कहा कि भगवान शिव और सती शक्ति और शक्ति धर है समय-समय पर सती ही परिवर्तित होकर पार्वती बनती है उन्होंने कहा कि अपने पिता दक्ष के यज्ञ में बिना भगवान शिव की अनुमति के सती गई जिसका परिणाम अच्छा नहीं हुआ और सती को अपना तन त्यागना पड़ा सती अपने प्राणों का त्याग समय भगवान से जन्म-जन्मांतर के लिए भगवान शिव को मांग लिया गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरितमानस में उद्गघृत किया कि
,सती मरण सन हर बर मांगा।
जन्म जन्म शिवपद अनुरागा।
प्रभु जितनी बार मैं जन्म लूं पति के रूप में मुझे भगवान भोलेनाथ ही प्राप्त हो सती शरीर त्यागने के बाद महाराज हिमाचल और मैंना के वहां पुत्री के रूप में जन्म लिया नारद जी ने हिमाचल और महारानी मैं को बता दिया की पार्वती को जो बार प्राप्त होगा वह अजनवा होगा ना उसके माता-पिता होंगे जो उसका अपना कोई सगा होगा आगे चलकर नारद जी के कथना अनुसार, भगवान शिव का विवाह पार्वती के साथ हुआ कथा के दौरान कथा के मुख्य यजमान, साहित क्षेत्र और गांव के श्रद्धालु श्रोता काफी संख्या में उपस्थित रहे।