Azamgarh news:हाई टेंशन तार की चपेट में आने से बुजुर्ग गंभीर रूप से झुलसा, विद्युत विभाग पर लापरवाही का आरोप,ग्रमीणों ने गांव में किया विरोध प्रदर्शन
Atraulia. An elderly man was seriously burned after coming in contact with a high-tension wire; the electricity department was accused of negligence. Villagers protested in the village.
रिपोर्ट: चन्द्रेश यादव
आजमगढ़:अतरौलिया थाना क्षेत्र के गजेंद्र पट्टी भेदौरा गांव के समीप सोमवार दोपहर उस समय अफरा-तफरी मच गई जब गांव के एक बुजुर्ग हाई टेंशन तार (11000 वोल्ट) की चपेट में आकर गंभीर रूप से झुलस गए।प्राप्त जानकारी के अनुसार, गांव निवासी दूधनाथ यादव (72 वर्ष) पुत्र स्व0 राम फेर दोपहर लगभग 12 बजे पशु चराने गांव के सिवान की ओर गए थे। इसी दौरान नीचे झुके हुए 11000 वोल्ट के करंट प्रवाहित तार के संपर्क में आने से वे गंभीर रूप से झुलस गए। आसपास के लोगों ने किसी तरह उन्हें बचाकर उपचार के लिए स्थानीय अस्पताल पहुंचाया, जहां उनकी हालत चिंताजनक बताई जा रही है।ग्रामीणों ने इस घटना के लिए विद्युत विभाग की घोर लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि गांव के प्राथमिक विद्यालय के पीछे महीनों से हाई टेंशन तार नीचे लटक रहे हैं, जिसकी शिकायत कई बार जेई और एसडीओ से की गई, लेकिन विभाग के कुछ कर्मचारियों द्वारा तार को ऊपर करने के बदले पैसे की मांग की जाती है। गांव के सत्यम सिंह, सूरज गुप्ता, प्रमोद गुप्ता, विजय विक्रम सिंह, राहुल यादव, अमन सिंह और सोनू यादव समेत ग्रामीणों ने विभाग से तुरंत कार्रवाई करते हुए तार को ऊपर करने और घायल दूधनाथ यादव के इलाज की जिम्मेदारी लेने की मांग की है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि विद्यालय के पास से लटक रहे ये खतरनाक तार कभी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं और स्कूल के बच्चों की जान पर भी खतरा मंडरा रहा है। बताया जा रहा है कि इससे पहले भी इसी स्थान पर दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन विभाग ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। यह पूरा मामला मदिया पार के करमैनी उपकेंद्र से जुड़ा हुआ है। इस संबंध में विभागीय सूत्रों का कहना है कि घटना की जानकारी मिलने के बाद उच्चाधिकारियों को सूचित किया गया है और जल्द ही लटकते तारों को ऊपर कर दिया जाएगा ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके।वही ग्रामीणों की मांग है कि घायल दूधनाथ का समुचित इलाज कराया जाए और विद्युत विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।