Azamgarh news:हर्षोल्लास से मना अंधेरे पर रोशनी का विजय

Celebrating the victory of light over darkness with joy.

प्रेमप्रकाश दुबे की रिपोर्ट

निजामाबाद/आजमगढ़।प्रकाश का पर्व दीपावली सोमवार को काफी धूम धाम से मनाया गया।पर्व के अवसर पर शुभ मुहूर्त में सनातन धर्मप्रेमियों ने घरों और प्रतिष्ठानों में लक्ष्मी गणपति और कुबेर को आसन पर बिठाकर विधिवत पूजा अर्चना कर देवी देवताओं से मंगल जीवन की कामना करते हुए आशीर्वाद मांगा।दीपावली की पूर्व संध्या पर रविवार को घरों और प्रतिष्ठानों की साफ सफाई के बाद लोग लक्ष्मी व गणेश पूजन की तैयारी में जुट गए।रात्रि बेला में नरक चतुर्दशी के अवसर पर लोगों ने यम का दीपक घरों के बाहर रख यम देवता से आशीर्वाद प्राप्त किया।सोमवार की भोर में सनातन परंपरा के अनुसार दरिद्रता भगाने के लिए महिलाए घर में खाद्यान्न की सफाई में प्रयुक्त सूप पर दीपक जलाकर घर के सभी कोनों का भ्रमण कर दरिद्र नारायण को घर से बाहर निकालने की परंपरा का निर्वाह करते देखी गई।इसके बाद सुबह लोग घरों और प्रतिष्ठानों की सफाई व धुलाई में जुट गए।सुबह की बेला में लोग आम का पल्लव और फूल मालाओं की व्यवस्था कर उनसे तोरण द्वार बनाकर दरवाजों को सजाया।आकर्षक विद्युत झालरों से जगमग वातावरण के बीच सांध्य बेला में पड़ने वाले शुभ मुहूर्त के दौरान अस्थावान परिवार के लोग एकत्र होकर पूजन की तैयारी में जुट गए। घरों में बच्चे रंगोली बनाने में जुटे रहे तो वही महिलाएं घर के आंगन में रंगोली सजाकर वहां आसन बिछाया।दीपावली पर्व पर निभाने वाली परंपरा के अनुसार विष्णु देवता,पवनसुत हनुमान के साथ ही लक्ष्मी गणेश ब कुबेर की प्रतिमाओं व चित्रों को वस्त्र धारण कराकर आदर पूर्वक आसन पर बैठाया गया।तत्पश्चात परिवार के सभी सदस्य श्रद्धाभाव से अपने ईष्ट देवताओं को प्रसन्न करने के लिए पूरे मनोयोग से पूजा अर्चना में जुट गए।इस दौरान आम्र पल्लव व दीपक के साथ कलश की स्थापना कर संकल्प के साथ देवी देवताओं का आवाहन किया गया।तत्पश्चात उन्हे अर्पित किए जाने वाली सामग्री जैसे फल ,फूल ,मिष्ठान धान का लावा, खोल बतासा,रोली,चंदन, दुर्बा,चावल,नारियल,कौड़ी आदि से विधिवत पूजा अर्चना की गई।व्यापारिक प्रतिष्ठानों के मालिक पुरोहितों के माध्यम से अपने प्रतिष्ठान के कर्मचारियों व सगे संबंधियों के साथ वैदिक मंत्रोच्चार के साथ लक्ष्मी गणेश एवम बही खाते की पूजा अर्चना की।पूजन कार्य संपन्न होने के साथ ही पूजा स्थल पर जलाए गए दीपों को घर के महत्वपूर्ण स्थानों पर रखने के साथ ही देवालयों में भी आस्था के दीपक जलाए गए।तत्पश्चात आकर्षक विद्युत झालरों के बीच दीपक जलाने का कार्य शुरू हुआ। मकानों और प्रतिष्ठानों पर जल रहे दीपकों की झिलमिल रोशनी विद्युत झालरों की सजावट में चार चांद लगा रही थी।दीपक जलाने का कार्य पूर्ण होने के बाद परिवार के सभी सदस्य प्रसन्न मुद्रा में एकत्र होकर एक दूसरे को दीपावली पर्व का बधाई संदेश देते हुए आतिश बाजी के लिए जमा हुए।इस बार प्रशासन की सख्ती के चलते तेज आवाज वाले पटाखे जलाने से लोगों ने परहेज किया।वही रोशनी,अनार,चरखी, व फुलझड़ी की आतिशबाजी से देर रात तक पर्व का उल्लास जारी रहा।

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