Azamgarh news:आस्था के साथ मना भाई दूज का पर्व

Celebrating Bhai Dooj with faith

प्रेमप्रकाश दुबे की रिपोर्ट

निजामाबाद/आजमगढ़।भाई दूज का पर्व कस्बे सहित आस पास के क्षेत्रों में परंपरागत और विश्वास के साथ मनाया गया।बहनों द्वारा भाइयों के दीर्घायु के लिए ईश्वर से कामना किया और उन्हें अपने हाथों से बना स्वादिष्ट भोजन कराया।यह पर्व भाई बहन के प्यार का प्रतीक है। ये पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है।इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र और सुखी जीवन की कामना करती हैं।मान्यता है कि इस दिन मृत्यु के देवता यम अपनी बहन यमुना के बुलावे पर उनके घर भोजन के लिए आए थे।भाई दूज पर पूजा के लिए एक थाली तैयार की जाती है जिसमे रोली,फल,फूल,सुपारी,चंदन और मिठाई रखी जाती है।फिर चावल के मिश्रण से एक चौक तैयार किया जाता है।चावल से बने इस चौक पर भाई को बैठाया जाता है।फिर शुभ मुहूर्त में बहने भाई को तिलक लगाती है।तिलक लगाने के बाद भाई को गोला, पान,बतासे,फूल,काले चने और सुपारी दी जाती है।फिर भाई की आरती उतारी जाती है और भाई अपनी बहनों को गिफ्ट भेंट करते है।मान्यताओं के अनुसार इस दिन मृत्यु के देवता यमराज अपनी बहन यमुना के अनेकों बार बुलाने के बाद उनके घर गए थे।यमुना ने यमराज को भोजन कराया और तिलक कर उनके खुशहाल जीवन की प्रार्थना की।प्रसन्न होकर यमराज ने बहन यमुना से वर मांगने को कहा।यमुना ने कहा आप हर साल इस दिन मेरे घर आया करो और इस दिन जो भी बहन अपने भाई का तिलक करेगी उसे आपका भय नहीं रहेगा।यमराज ने यमुना को आशीष प्रदान किया।कहते है कि इसी दिन से भाई दूज पर्व की शुरुआत हुई।

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