Azamgarh news:अस्ताचलगामी सूर्य को महिलाओं ने दिया अर्घ्य, घाटों पर उमड़ा जनसैलाब

Women offered prayers to the setting sun, and crowds gathered at the ghats.

रिपोर्ट चन्द्रेश यादव

आजमगढ़:सूर्योपासना का महापर्व छठ पूरे श्रद्धा, भक्ति और आस्था के वातावरण में अतरौलिया क्षेत्र में हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। सोमवार की संध्या को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए नगर के विभिन्न घाटों — पूरब पोखरा, पश्चिम पोखरा, समेत क्षेत्र के नंदना, मदियापार, लोहरा, बढया, बूढनपुर, अतरैठ, बांसगांव आदि स्थलों पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा।सौभाग्य और संतान की मंगलकामना के साथ सुहागिन महिलाओं ने पारंपरिक परिधान धारण कर गाजे-बाजे के साथ समूहों में मंगलगीत गाते हुए घाटों की ओर प्रस्थान किया। सूर्यास्त से पूर्व महिलाओं ने जल में खड़े होकर भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया और परिवार की सुख-समृद्धि व पुत्र के दीर्घायु की प्रार्थना की।डाला छठ के अवसर पर महिलाओं ने बीती रात से निर्जल व्रत रखकर सोमवार सायंकाल अस्ताचलगामी सूर्य को और मंगलवार प्रातः उदयमान सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा निभाई। इस दौरान घाटों पर मेले जैसा माहौल रहा। पूरब पोखरे और पश्चिम पोखरे पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु एकत्र हुए। महिलाओं ने बांस की सुपोलियों में फल, फूल, गन्ना, दूध, अखंड दीपक, रोली-अक्षत और पूजा सामग्री रखकर भगवान भास्कर की आराधना की। नगर पंचायत द्वारा दोनों प्रमुख पोखरों की साफ-सफाई, विद्युत रोशनी और झालरों की आकर्षक सजावट की गई थी। डीजे पर बजते छठ मइया के भक्ति गीतों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा।सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिकोण से थाना अध्यक्ष अमित कुमार मिश्र के नेतृत्व में पुलिस बल के साथ सभी घाटों पर सतर्क निगरानी रखी गई। महिला पुलिस कर्मियों की विशेष तैनाती भी की गई थी।इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक संग्राम यादव ने छठ महापर्व की सभी महिलाओं को शुभकामना देते हुए कहा कि “छठ पूजा हमारी सनातन परंपरा की अनुपम पहचान है। यह पर्व सूर्योपासना के साथ सामाजिक एकता और मातृशक्ति के तप का प्रतीक है।”मौके पर नगर पंचायत अध्यक्ष सुभाष चंद्र जायसवाल, पूर्व अध्यक्ष रामचंद्र जायसवाल, धर्मेंद्र निषाद राजू, जयकिशन पांडे, टीटू विनायकर, तजमुल हुसैन सहित नगर पंचायत के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।पूरे नगर में छठ महापर्व के अवसर पर श्रद्धा, भक्ति और उल्लास का अद्भुत संगम देखने को मिला, जहां अस्त होते सूर्य के साथ जनमानस की आस्था भी आलोकित होती रही।

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