बेंगलुरु पुलिस ने बीवाई विजयेंद्र को मैसूरु जाने की नहीं दी अनुमति, कार्यकर्ताओं के साथ हिरासत में लिए गए
Luru police did not allow BY Vijayendra to go to Mysuru, he was detained along with the workers
बेंगलुरु, 12 जुलाई: बेंगलुरु पुलिस ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र समेत पार्टी कार्यकर्ताओं को बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेस वे पर हिरासत में ले लिया।
कर्नाटक भाजपा ने एक्स पर पोस्ट किया, ”भ्रष्ट कांग्रेस सरकार में अघोषित आपातकाल की स्थिति! प्रदेश अध्यक्ष श्री बीवाई विजयेंद्र मुडा (एमयूडीए) घोटाले की निंदा के लिए मैसूरु में आयोजित एक विशाल विरोध सभा में शामिल होने जा रहे थे। बेंगलुरु में पार्टी के सांसदों, विधायकों, पूर्व सांसदों, पूर्व विधायकों, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया।”
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने 10 जुलाई को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) घोटाले को लेकर सिद्दारमैया सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने इस घोटाले का जिक्र करते हुए कहा था कि जो पैसा एससी/एसटी के लिए था, उसका इस्तेमाल कर्नाटक ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्यों के चुनावों में भी किया गया।
बता दें कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने गुरुवार मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूमि घोटाले में अपनी कथित संलिप्तता पर प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि उन्हें इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि वह पिछड़े वर्ग से हैं और फिर भी कर्नाटक के दूसरी बार सीएम बने।
मैसूरु में एमयूडीए भूमि घोटाले के खिलाफ भाजपा के विरोध प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “हमने जांच के आदेश दिए हैं। भाजपा इस मुद्दे को राजनीतिक रूप से ले रही है। हम भी इससे राजनीतिक रूप से निपटेंगे।”
मैसूरु में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र के विरोध प्रदर्शन पर पूछे गए सवाल के जवाब में सीएम ने कहा था, “भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी ऐसा करने दीजिए। अगर वे ऐसा करते हैं, तो हम भी राजनीतिक रूप से इसका सामना करेंगे। हम यह भी जानते हैं कि इसका राजनीतिक रूप से कैसे मुकाबला किया जा सकता है।”
सीएम सिद्दारमैया ने आगे कहा था कि जो लोग आरोप लगाते हैं, उन्हें बताना चाहिए कि अवैध गतिविधियां कहां हुई हैं। मैं इसे वैध बता रहा हूं जबकि वे इसे अवैध बता रहे हैं। उन्हें यह दिखाना और साबित करना होगा। कन्वर्जन से पहले यह कृषि भूमि थी। 2005 में कन्वर्जन हुआ, डीसी ने इसे परिवर्तित किया और मेरा इससे कोई संबंध नहीं है। मल्लिकार्जुन स्वामी मेरे साले हैं और उन्होंने इसे कानूनी रूप से गिफ्ट में दिया है। इसमें गलत क्या है?



