Deoria news:परमात्मा प्रेम बस बस जीव के बस में हो जाते हैं
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परमात्मा प्रेम बस जीव के बस में हो जाते है
देवरिया।
बरहज तहसील क्षेत्र के अंतर्गत, बड़का गांव में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन आचार्य बृजेश मणि त्रिपाठी ने कहा कि
प्रेम में अद्भुत सामर्थ्य है। जहाँ प्रेम होता है वहाँ परमात्मा भी जीव के बस में हो जाते हैं। चाहे केवट के आगे हो, चाहे शबरी के आगे हो, चाहे हनुमानजी के आगे वो, चाहे सुग्रीव के आगे हो या चाहे विभीषण के आगे हो, प्रेम के वशिभूत होकर कितनी ही बार उन प्रभु को झुकते देखा गया है। प्रभु प्रेम में झुके हैं इसलिए जो प्रेम स्वयं भगवान को झुका सकता है, वह इंसान को भी अवश्य झुका सकता है।
यदि आप दूसरों से प्रेमपूर्ण व्यवहार करते हैं तो आप उनके हृदय पर अपना आधिपत्य भी जमा लेते हैं। किसी को जीतना चाहते हैं तो प्रेम से जीतो। बल के प्रयोग से तो किसी-किसी को ही जीता जा सकता है, लेकिन प्रेम द्वारा सबको जीता जा सकता है। प्रेम वो शहद है जो संबंधों को मधुर बनाता है। मधुर संबंध पारिवारिक खुशहाली को जन्म देते हैं और पारिवारिक खुशहाली ही तो एक सफल एवं आनंदमय जीवन की नींव है।
इसिलिए तुलसीदास जी कहते हैं कि
रामहि केवल प्रेमु पिआरा। जानि लेउ जो जान निहारा॥
राम सकल बनचर तब तोषे। कहि मृदु बचन प्रेम परिपोषे॥1 कथा के दौरान दिनेश पाठक, राजेश पाठक, सुशील पाठक, शोभित पाठक, कौशल पाठक, राजन चौबे ,अंकित पांडे, मृत्युंजय पांडेय, अनिल मिश्रा सहित समस्त क्षेत्र एवं ग्रामवासी उपस्थित रहे।



