Azamgarh News: बंद कमरे में हीटर या अलाव जलाना जानलेवा हो सकता है : डॉ. बी. के. पटेल SMO, PGI आजमगढ़

आजमगढ़ बलरामपुर से बबलू राय
आजमगढ़ जनपद स्थित पीजीआई चक्रपानपुर के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (SMO) डॉ. बी. के. पटेल ने ठंड के मौसम में हीटर एवं अलाव के प्रयोग को लेकर गंभीर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि बंद कमरे में हीटर या अलाव जलाना जानलेवा साबित हो सकता है, क्योंकि इससे ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैसें निकलती हैं, जो दम घुटने, बेहोशी और मौत तक का कारण बन सकती हैं।
डॉ. पटेल ने बताया कि हीटर लंबे समय तक चलने से कमरे की हवा शुष्क हो जाती है, जिससे त्वचा, आंखों और गले में खुजली, एलर्जी तथा सांस लेने में परेशानी हो सकती है। उन्होंने विशेष रूप से रात भर हीटर चालू रखकर सोने को सबसे खतरनाक आदत बताया।
हीटर व अलाव से होने वाले मुख्य खतरे
ऑक्सीजन की कमी – हीटर व अलाव ऑक्सीजन की खपत करते हैं, जिससे कमरे में दम घुटने की स्थिति बन सकती है।
कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) विषाक्तता अधजले कोयले या लकड़ी से निकलने वाली यह रंगहीन व गंधहीन गैस रक्त में मिलकर जानलेवा साबित हो सकती है।
हवा का अत्यधिक सूखना इससे एलर्जी, आंखों में जलन और श्वसन संबंधी समस्याएं बढ़ती हैं।
सुरक्षा के जरूरी उपाय
हीटर चलाते समय कमरे की खिड़की थोड़ी खुली रखें ताकि हवा का संचार बना रहे।
कमरे में पानी से भरी बाल्टी या ह्यूमिडिफायर रखें।
हीटर के पास कपड़े, कागज या पर्दे जैसी ज्वलनशील वस्तुएं न रखें।
हीटर को लगातार लंबे समय तक न चलाएं, बीच-बीच में बंद करें।
सोते समय हीटर अवश्य बंद करें।
डॉ. बी. के. पटेल ने लोगों से अपील की कि ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़े, कंबल एवं अन्य सुरक्षित उपायों का अधिक प्रयोग करें और हीटर या अलाव के इस्तेमाल में लापरवाही न बरतें।उन्होंने कहा कि “यह सावधानियां आपकी और आपके परिवार की सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।



