केयर एंड फेयर (इंडिया) द्वारा किया जा रहा शिक्षा व स्वास्थ्य पर कार्य
ट्रस्ट के माध्यम से अभी तक संचालित किए जा रहे हैं कुल 8 स्कूल मिर्जापुर के मवैया में विकसित नए स्कूल का होगा उद्घाटन सत्र 2024-25 में वाराणसी जनपद में स्थापित होगा नया स्कूल
रिपोर्ट हैदर संजरी
भदोही। केयर एंड फेयर (इंडिया) के ट्रस्टी अध्यक्ष प्रकाश मणि शर्मा ने कहा कि यह एक पंजीकृत सार्वजनिक ट्रस्ट है। जो भदोही-मिर्जापुर कालीन परिक्षेत्र से बालश्रम की समस्या को समाप्त करने के लिए निरंतर सक्रिय हैं। जिसकी स्थापना 1995 में प्रमुख कालीन निर्यातक एवं आयातकों के समूह ने मिलकर किया है।
उक्त बातें श्री शर्मा सोमवार को नगर के स्टेशन रोड पर स्थित एक व्यवसायिक प्रतिष्ठान में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि संस्था द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य व महिला सशक्तिकरण पर कार्य कर रही है। मिर्जापुर जनपद के मवैया में नए स्कूल को स्थापित करने के लिए केयर एंड फेयर के ट्रस्टी सचिव अहसन रऊफ खां ने अपनी जमीन को दिए हैं। विकसित नए स्कूल का उद्घाटन 16 अप्रैल को किया जाएगा। इसमें शामिल होने के लिए केयर एंड फेयर के जर्मनी में चेयरमैन वाल्कर हेनरिक, महाप्रबंधक पीटर फ्लीगनर व उपमहाप्रबंधक सुसान ब्रुनर आएं हुए हैं। श्री शर्मा ने कहा कि केयर एंड फेयर की नई परियोजना के तहत सत्र 2024-25 में वाराणसी जनपद के नेवादा ग्राम में नई स्कूल की स्थापना की जाएगी। इसके लिए संस्था के ट्रस्टी रियाज अंसारी बाबू द्वारा आवश्यक भूमि की व्यवस्था कराई गई है। संस्था के ट्रस्टी सचिव अहसन रऊफ खां ने कहा कि संस्था अपने नि:शुल्क शिक्षा तथा कार्यक्रम के माध्यम से कालीन परिक्षेत्र के बच्चों की शिक्षा तथा प्राथमिक स्वास्थ्य के माध्यम से विकास में लगा हुआ है। वर्तमान समय में केयर एंड फेयर (इंडिया) द्वारा 8 स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। वहीं 6 महिला सशक्तिकरण के तहत सिलाई प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। जिसमें प्रतिवर्ष 250 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। वहीं दो स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाएं जा रहे हैं। ट्रस्टी कोषाध्यक्ष उमेश गुप्ता मुन्ना ने बताया कि संस्था के विभिन्न शैक्षिक परियोजनाओं द्वारा वर्तमान समय में 2200 से अधिक बच्चों को स्कूली शिक्षा प्रदान की जा रही है। साथ ही बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भदोही जनपद में एक गर्ल्स हाई स्कूल संचालित कर रही है। केयर एंड फेयर के सभी स्कूल मान्यता प्राप्त है। वहीं स्वास्थ्य कार्यक्रम में प्रतिवर्ष 40000 रोगियों को सीधे लाभ पहुंचाया जा रहा है। समय-समय पर कैंप लगाकर रोगियों को लाभ पहुंचाते हैं। केयर एंड फेयर में पढ़ने वाले बच्चे आज सरकारी विभागों में भी सेवा दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि केयर एंड फेयर के प्रशिक्षण कार्यक्रम में जो महिलाएं प्रशिक्षित हो जाती है। उनको सिलाई मशीन उपलब्ध कराकर आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश की जा रही है। उन महिलाओं से स्कूल के बच्चों के लिए ड्रेस बनवाएं जातें हैं। जर्मनी के ट्रस्टी चेयरमैन वाल्कर हेनरिक ने बताया कि संस्था द्वारा नेपाल, पाकिस्तान व भारत में शिक्षा व चिकित्सा पर काम किया जा रहा है। लेकिन सबसे ज्यादा कार्य भारत में हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में बालश्रम को लेकर पहले हालत खराब थें। लेकिन फिलहाल अब भारत में कार्पेट इंडस्ट्रीज के अंदर बालश्रम की कोई समस्या नहीं रह गई है। इस पर केयर एंड फेयर ने अच्छा कार्य कर रही है। भारतीय सरकार भी काफी सराहनीय कार्य कर रही है।
इस मौके पर केयर एंड फेयर (इंडिया) के ट्रस्टी उपाध्यक्ष शमीम आलम लल्लन, ट्रस्टी रियाज अंसारी बाबू, सीए केपी दुबे, केयर एंड फेयर जर्मनी के ट्रस्टी महाप्रबंधक पीटर फ्लीगनर, उपमहाप्रबंधक सुसान ब्रुनर आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहें।