5 वर्ष पूर्व घाघरा नदी की धारा मे कटकर बहा पुल न बनने से आवागमन में हो रही परेशानी,ग्रामीण जिला अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधियों तक लगा चुके हैं गुहार,लगभग 10 गांव की 20000 आबादी का होता है आवागमन
5 years ago, there is a problem in the movement due to the non-construction of a bridge across the Ghaghra River, from the village district officials to the people's representatives.
सगड़ी।
इन्द्रेश राना
आजमगढ़:रौनापार थाना क्षेत्र स्थित बेलहिया पूल का निर्माण न होने से आवागमन में काफी दिक्कतें उठानी पड़ती है। पूल का निर्माण न होने से जुलाई से लेकर नवंबर तक लगभग 4 माह ग्रामीणों को नाव से आवागमन करना पड़ता है।अजगरा मगर्वी ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राजमन यादव ने बताया कि इस मार्ग से श्रीनगर, गलसदिया,अचल नगर,लाल बिहारी का पूरा, अजगरा,माधव का पूरा,झंझनपुर, झगरहवा, धुसवा, महाजी, बेलहिया सहित लगभग 10 गांव की 20000 आबादी का आवागमन रहता है। सरयू नदी की शाखा पर बने पूल के कट जाने से बाढ़ के समय लगभग 4 महीने लोगों को नाव से आवागमन करना पड़ता है। सरयू नदी का जलस्तर जो ही थोड़ा बढ़ता है तो नांव लगानी पड़ती है।क्षेत्र के ग्रामीण गन्ने की खेती करते हैं। जो अपने गाने को घोसी चीनी मिल ले जाते हैं। पूल के कट जाने से ट्राली में गन्ना लादकर ले जाने में काफी मुश्किल भरा रहता है।
नदी का जलस्तर घट जाने के बाद हर वर्ष मिट्टी डालकर रास्ता बनाया जाता है जिससे लोगों का आवागमन होता है।
ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से लेकर विधायक,सांसद तक इसके निर्माण के लिए गुहार लगाई। लेकिन कोरा आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला।पूल का निर्माण 2004 में पूर्व मंत्री स्वर्गीय राम प्यारे सिंह के प्रस्ताव पर बना था वहीं 2019 में सरयू में आई बाढ़ मे पूल कटकर नदी की धारा मे समा गया 5 वर्ष से ज्यादा समय हो गया लेकिन पुल निर्माण की शुधि लेने वाला कोई नहीं है।पुल के नहीं रहने से दर्जनो गांव के लोग 6 किलोमीटर दूर रौनापार बाजार पैदल जरूरत के सामानों की खरीदारी करने आते हैं लोगों के बीमार होने पर भी पैदल ही आवागमन करना पड़ता है।