पाकिस्तान में कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं होने वाली : पूर्व राजनयिक अशोक सज्जनहार
There will be no bilateral talks in Pakistan: Former diplomat Ashok Sajjanhar
नई दिल्ली:। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में होने वाले एससीओ समिट में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर पाकिस्तान जाएंगे । एक लंबे अरसे बाद भारत के किसी मंत्री के पाकिस्तान जाने को लेकर काफी चर्चा है। इस मुद्दे को लेकर कजाकिस्तान, स्वीडन और लातविया के पूर्व भारतीय राजदूत और विदेशी मामलों के जानकार अशोक सज्जनहार ने शनिवार को आईएएनएस से खास बातचीत की।
अशोक सज्जनहार ने कहा कि पिछले साल पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल जरदारी भुट्टो भारत में आए थे। लेकिन, द्विपक्षीय सहयोग और बातचीत में इससे कोई फायदा नहीं हुआ। ऐसे में मुझे जहां तक लगता है कि एस जयशंकर के पाकिस्तान दौरे पर कोई द्विपक्षीय वार्ता या मुलाकात नहीं होगी। ऐसे में इस यात्रा को सिर्फ एससीओ समिट में हिस्सा लेने के दृष्टिकोण से देखना चाहिए, ना कि द्विपक्षीय रूप में देखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि एससीओ समिट में न्योता प्रधानमंत्री को आया था। क्योंकि, ये प्रधानमंत्रियों की बैठक होने वाली है। इस बैठक को हेड ऑफ गवर्नमेंट कहते हैं, लेकिन इसके ऊपर एक बॉडी है, जिसको हेड ऑफ स्टेट कहते हैं। इसमें प्रधानमंत्री जी हमेशा शिरकत करते हैं। पीएम मोदी ने कभी हेड ऑफ गवर्नमेंट में शिरकत नहीं किया है। ऐसे सम्मेलनों में पीएम मोदी रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री या किसी और मंत्री को भेजते थे। ऐसे में इस बार विदेश मंत्री को भेजा गया है।
अशोक सज्जनहार ने कहा कि कुछ लोगों का कहना है कि इस बैठक में वर्चुअली हमें हिस्सा लेना चाहिए। पिछले कुछ सालों से पाकिस्तान का रवैया भारत विरोधी रहा है, तो ऐसे में किसी मंत्री को वहां पर भेजने की क्या जरूरत है। लेकिन, मैं करूंगा कि एससीओ एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म और ऑर्गनाइजेशन है। इसमे हमारा होना बहुत जरूरी, इसके लिए विदेश मंत्री वहां जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नौ और देश इसके सदस्य हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि सभी देशों के प्रधानमंत्री वहां पर आएंगे और उसमें शिरकत करेंगे। ऐसे में भारत अगर यहां नहीं जाता है तो सही संदेश नहीं जाएगा। पाकिस्तान में बैठक होने की वजह से भारत उसमें सम्मिलित नहीं हो, ये सही संदेश नहीं जाएगा।