6 साल की बच्ची से रेप और हत्या के आरोपी को झारखंड हाई कोर्ट ने किया बरी, पॉक्सो कोर्ट ने सुनाई थी फांसी की सजा
Jharkhand High Court acquits accused of rape and murder of 6-year-old girl, Poxo court sentenced him to death
रांची, 3 जुलाई: झारखंड हाई कोर्ट ने 6 साल की बच्ची से रेप और हत्या के एक मामले में आरोपी को बरी कर दिया है। आरोपी को झारखंड के राजमहल की पॉक्सो कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन हाई कोर्ट ने पाया कि अभियुक्त के खिलाफ अपराध में संलिप्तता के साक्ष्य नहीं हैं।
कोर्ट ने कहा कि सिर्फ अंतिम बार अभियुक्त और पीड़िता (मृतका) का एक साथ देखा जाना दोष सिद्धि के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं है। यह वारदात साहिबगंज जिले के राजमहल में 4 मार्च, 2015 को हुई थी।
छह साल की बच्ची का शव शिमला बहाल पोखर मैदान के पास पाया गया था। उसके कपड़े अस्त-व्यस्त थे और गले में चोट के निशान थे।
परिजनों की शिकायत पर इस मामले में राहत शेख नामक शख्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। एफआईआर के मुताबिक राहत शेख उस रोज शाम पांच बजे बच्ची को अपने कंधे पर बिठाकर मैदान की तरफ ले जाते देखा गया था। परिजनों ने उसपर बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या का संदेह जताया था।
राजमहल के पोक्सो की विशेष अदालत ने इस मामले में ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष के अनुसंधानकर्ता पुलिस अफसर सहित 12 गवाहों का परीक्षण कराया था। कुछ गवाहों का कहना था कि उन्होंने राहत शेख को अपने साथ बच्ची को साथ लेकर शिमला बहाल पोखर मैदान की तरफ ले जाते देखा था।
ट्रायल पूरा होने के बाद पॉक्सो कोर्ट ने राहत शेख को 1 दिसंबर 2022 को दोषी करार दिया और और 12 दिसंबर 2022 को उसे फांसी की सजा सुनाई। इसके बाद राज्य सरकार ने अभियुक्त की फांसी की सजा कन्फर्म करने को लेकर हाई कोर्ट में अपील की थी, तो दूसरी तरफ राहत शेख ने भी पॉक्सो कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए अपील दायर की थी।
अब हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि तीन-चार लोगों ने अभियुक्त को उस बच्ची को ले जाते देखा, लेकिन सिर्फ इसी आधार पर उसे दोषसिद्ध नहीं माना जा सकता। अनुसंधान में घटना का समय एवं मृतका की लाश के मिलने के समय का उल्लेख नहीं है। अभियुक्त और मृतका के परिवार के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध थे। उनसे कोई दुश्मनी भी नहीं थी। वह प्रतिदिन बच्ची को घुमाने साथ ले जाता था और उसके पास बच्ची की हत्या का कोई उद्देश्य नहीं था।