अतुलित बल के धाम हनुमान जी महाराज।

,बरहज देवरिया।
बरहज नगर में चल रहे सावन के महीने में शिव महायज्ञ को लेकर आज कानपुर से पधारी हुई साध्वी सुश्री निलेश शास्त्री ने श्रद्धालुओं को कथा का रसपान कराते हुए कहा कि हनुमान जी अतुलित बल के धाम हैं उन्होंने आगे कहा कि माता सीता की खोज के लिए चर्चा चल रही थी सभी लोग समुद्र पार करने पर अपनी और समर्थकता व्यक्त कर रहे थे ऐसे में जामवंत जी ने हनुमान जी को उनके बल और पौरूष का स्मरण करते हुए कहा कि आपका अवतार भगवान के कार्य के लिए हुआ है इतना सुनते ही हनुमान जी ने अपना विशाल रूप बनाकर सेना के सामने जामवंत जी से कहा कि मुझे क्या करना है जिस पर जामवंत जी ने कहा कि एतना करहुँ तात तुम जाई, सीता देखि कहहु सुधि आई। लेकिन लेकिन हनुमान जी बुद्धि और बल धाम है उन्होंने समुद्र पर कर अपने बल और बुद्धि का परिचय देते हुए सीता के प्राणों की रक्षा के लिए जामवंत जी के कही हुई बात से अधिक कर कार्य कर संपूर्ण राक्षस जाति को भयभीत कर दिया गया और माता जानकी से आशीर्वाद प्राप्त कर पुन लौट आए तथा जानकी की कुशल क्षेम की सूचना, भगवान को दिया कथा के दौरान हनुमान मंदिर के महान मारुति नंदन जी महाराज उर्फ त्यागी बाबा, सीमा शुक्ला, राम आशीष यादव, रामाशंकर यादव, रामायण यादव, चंद्रभान तिवारी, रमाशंकर ,श्याम सुंदर दास ,प्रभाकर शुक्ला ,सीमा देवी ,सविता देवी सहित काफी संख्या में श्रद्धालजन उपस्थित रहे।

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