श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह:श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन श्रीकृष्ण-रुक्मणि विवाह हुआ
रिपोर्ट:संजय सिंह बलिया
रसड़ा (बलिया)। स्थानीय क्षेत्र के नागपुर (मोतीराम) ग्राम पंचायत में श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह हुआ। भागवत कथा के कथावाचक श्री सुन्दरी दीदी जी वृंदावन धाम से आई पंच अध्याय का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि महारास में पांच अध्याय हैं। उनमें गाये जाने वाले पंच गीत, भागवत के पंच प्राण हैं, जो भी ठाकुरजी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है। वह भव पार हो जाता है। उसे वृंदावन की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती हैं। दीदी ने कथा में भगवान कृष्ण रुक्मणी विवाह के प्रसंग का संगीतमय भावपूर्ण पाठ किया। आस्था और विश्वास के साथ भगवत प्राप्ति आवश्यक हैं। भगवत प्राप्ति के लिए निश्चय और परिश्रम भी जरूरी हैं। भगवान श्रीकृष्ण रुक्मणी के विवाह सभी को खूब आनंदित किया। कथा के दौरान भक्तिमय संगीत ने श्रोताओं को आनंद से परिपूर्ण किया। उन्होंने कहा कि जो भक्त प्रेमी कृष्ण रुक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है। कथा वाचक ने कहा कि जीव परमात्मा का अंश हैं। कथा के आयोजक राष्ट्रीय अध्यक्ष पंथी सुरेश दास जी, ने बताया कि 16 को कथा की पुण्यहुति होगी जिसमें हवन-यज्ञ के बाद भव्य प्रसाद वितरण व भंडारा आयोजित किया जाएगा जिसमें मुख्य रूप से ओमप्रकाश शर्मा, आनन्द यादव, कन्हैया यादव, संजय सिंह, वकील राजभर, राजकुमार साधु आदि लोग उपस्थित रहेंगे।