Azamgarh :सहकारिता विभाग ने बी पैक्स निजामाबाद समिति पर नैनो उर्वरक जागरूकता अभियान क्या किया आयोजन

सहकारिता विभाग ने बी पैक्स निजामाबाद समिति पर नैनो उर्वरक जागरूकता अभियान क्या किया आयोजन

आजमगढ़ ब्यूरो चीफ राकेश श्रीवास्तव
माह सितंबर में सहकारिता विभाग द्वारा चलाए जा रहे नैनो उर्वरक जागरुकता अभियान के तहत आज विकास खंड पल्हनी के बी पैक्स ऊंचागाव समिति एवं रानी की सराय विकास खंड के अंतर्गत आने वाली बी पैक्स निजामाबाद समिति पर नैनो उर्वरक जागरूकता अभियान कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अपर जिला सहकारी अधिकारी श्री शशि सौरभ राय तथा अध्यक्षता श्री चेतनारायण सिंह अध्यक्ष बी पैक्स ऊंचागाव, ग्राम प्रधान ऊंचागाव श्री लल्लन प्रसाद, सहायक विकास अधिकारी श्री सदानंद पाण्डेय, कृषि विभाग आजमगढ़ श्री हरिहर यादव, इफको क्षेत्र प्रबंधक आजमगढ़ श्री जियाउद्दीन सिद्दीकी, शुभम सिंह एस फ ए इफको आजमगढ़, सचिव बी पैक्स ऊंचगाव श्री अवलेश कुमार, श्री बालगोविंद यादव अध्यक्ष बी पैक्स निजामाबाद, श्री रामजीत यादव ग्राम प्रधान अलीपुर, श्री जय प्रकाश सिंह पूर्व प्रधान गंधूवी एवं दोनों जगह पर मिलाकर 400 प्रगतिशील किसानों ने प्रतिभाग किया ।
कार्यक्रम में किसानों को संबोधित कर बताया गया कि नैनो उर्वरकों के प्रयोग से उत्पादन में वृद्धि होती है तथा लागत में कमी आती है साथ ही उत्पाद अच्छे गुणवत्ता के प्राप्त होते हैं इसके प्रयोग से खरपतवार के जमाव में भी कमी आती है साथ ही कीट एवं बीमारी का भी प्रकोप कम होता है इसे भंडारण एवं परिवहन करना परंपरागत उर्वरकों के तुलना में भी बहुत ही आसान है। बस जरूरी यह है कि इसे सही समय,सही विधि से, सही मात्रा में प्रयोग किया जाए।
वर्तमान में यूरिया खाद के अत्यधिक प्रयोग मिट्टी पानी एवं हवा को प्रदूषित कर रहा है जिससे कई बीमारियां फैल रही है,जबकि इसकी पौधे द्वारा अवशोषण करने की क्षमता भी नैनो उर्वरकों के तुलना में कम होती है इसलिए उर्वरकों का प्रयोग कृषि वैज्ञानिक द्वारा बताए गए संतुलित मात्रा में ही करना अधिक लाभप्रद होता है।
नैनो उर्वरक इसके बेहतरीन विकल्प हैं, नैनो यूरिया का प्रयोग पत्तियों पर छिड़काव के माध्यम से किया जाता है जबकि नैनो डीएपी का प्रयोग बीज शोधन एवं छिड़काव दोनों के माध्यम से किया जाता है।
गेहूं या अन्य कोई भी बीज शोधन हेतु 5 एम.एल. नैनो डीएपी का प्रयोग प्रति किलो बीज के शोधन हेतु उपयोग किया जाता है। इससे नैनो डीएपी के कण बीज के साथ चिपक कर बीज में प्रवेश कर जाते हैं जिससे बीज के अंकुरण के शुरुआत से ही फास्फोरस की उपलब्धता सुनिश्चित रहती है जिससे जमाव तथा जड़ों का विकास अच्छा होता है। 50 दिन के पश्चात 500 मिली.नैनो यूरिया प्लस 250 मिली.नैनो डीएपी,एवं 250 मिली.सागरिका मिलकर स्प्रे कराए। धान के फसल के लिए नैनो यूरिया प्लस, नैनो डीएपी के स्प्रेयिंग का यह सर्वाेत्तम समय चल रहा है। प्रत्येक 15 लीटर की टंकी में ढाई ढक्कन नैनो डीएपी ढाई ढक्कन नैनो यूरिया प्लस एवं ढाई ढक्कन सागरिका का छिड़काव कराएं,जिससे अत्यधिक लाभ होगा।
पारंपरिक उर्वरकों के तुलना में नैनों उर्वरक सस्ती है नैनो डीएपी का क्रय दर रू0 600 प्रति बोतल है जबकि पारंपरिक डीएपी की एक बोरी की कीमत 1350 रुपए है।
इसी प्रकार नैनो यूरिया प्लस का क्रय दर 225 रुपए प्रति वॉटल है जबकि पारंपरिक यूरिया की एक बोरी की कीमत 266 रुपए 50 पैसे हैं।जबकि क्षमता दोनों की बराबर है।
इसलिए आवश्यकता इस बात की है कि सभी किसान भाई संतुलित मात्रा में ही खाद एवं उर्वरकों का प्रयोग करें तथा नैनो तकनीक से विकसित नैनो उर्वरकों के प्रयोग को बढ़ावा दें।

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