आम आदमी को नहीं मिल पा रहा है उत्तर भारत की ट्रेनों में अप्रैल माह का टिकट
भेड़ बकरियों की तरह यात्रा करने को मजबूर हैं उत्तर भारत के यात्री -उदय सिह ठाकूर
ब्युरोरिपोर्ट/अजय उपाध्याय
मुंबई, : रेल मंत्रालय जहां हरसंभव रेल आरक्षण केंद्रों को दलालों से मुक्त करने के लिए जी तोड़ प्रयास कर रहा है वहीं उत्तर भारत की ओर जाने वाली ट्रेनों में अप्रैल महीने के अंतिम सप्ताह का टिकट आम आदमी को मिलना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। खास बात यह है कि मुंबई के अनेक आरक्षण केंद्र दलालों के कब्जे में होने से आम जरूरत मंद लोगों को टिकट मिलना दुभर हो गया है। मजबूरन लोगों को उत्तर प्रदेश के पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन, प्रयागराज या हावड़ा से अग्रिम आरक्षण कराना पड़ रहा है। ज्ञात हो कि वर्तमान समय में रेलवे आरक्षण 120 दिन का हो रहा है। अप्रैल माह की छुट्टियां शुरू हो चुकी हैं। जिसके कारण उत्तर भारत ट्रेनों में यात्रियों की भारी भीड़ शुरू हो चुकी है। बताया जाता है कि मुंबई के – अनेक आरक्षण केंद्रों पर आम आदमी को तत्काल टिकट के अलावा ग्रीष्मकालीन विशेष गाड़ियों का टिकट मिलना दुभर हो गया है। जानकारों का कहना है कि मुंबई का सी एस टी, मुंबई सेन्ट्रल, अंधेरी, – बोरिवली, नालासोपारा, कुर्ला लोकमान्य तिलक टर्मिनस, चेंबूर, और कल्याण रेल आरक्षण केंद्रों पर दलालों का कब्जा होने से आम जरूरत मंद
लोगों को टिकट नहीं मिल पा रहा है। कुर्ला के मानव कल्याण सेवा संघ के अध्यक्ष उदय सिंह ठाकूर ने बताया कि तत्काल टिकट के लिए सुबह तीन बजे से ही आरक्षण केंद्रों पर उत्तर भारतीय यात्रियों की कतार लग जाती है लेकिन आर पी एफ और दलालों की मिलीभगत के कारण कतार में खड़े आम लोगों को टिकट नहीं मिल पा रहा है। जबकि दलालों को सबसे पहले टिकट मिल जा रहा है। उदय सिंह ठाकूर के अनुसार दलालों द्वारा वाराणसी, बिहार, पटना, गोरखपुर, दीनदयाल उपाध्याय नगर जंक्शन, प्रयागराज, जौनपुर, सुल्तानपुर और उत्तर भारत के अन्य स्टेशनो पर जाने वाले यात्रियों से स्लीपर क्लास के एक टिकट का 1800 से 2000 रुपए प्रति यात्री वसूला जा रहा है। जबकि थ्री टायर ए सी के एक टिकट के लिए 4000रुपए लिया जा रहा है। यही नहीं रेल आरक्षण केंद्रों पर टिकटों की कालाबाजारी तो हो ही रही है उसके अलावा ऑनलाइन टिकट निकालने वाले भी उत्तर प्रदेश और बिहार की ट्रेनों का 1800 रुपए प्रति टिकट ले रहे हैं। वहीं मानव कल्याण सेवा संघ के अध्यक्ष उदय सिंह ठाकुर ने कहा कि रेल मंत्रालय एक तरफ रेल आरक्षण केंद्रों को दलालो से मुक्त करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाने का दावा करता है यहां तक कि अनेक रेल स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं लेकिन उसके बाद भी रेल आरक्षण केंद्र दलालों से क्यों नहीं मुक्त हो पा रहा है? ऐसा प्रश्न उदय सिंह ठाकूर ने किया है। सिंह ने रेल मंत्री और रेल पुलिस आयुक्त से मुंबई के आरक्षण केंद्रों को दलालों के चंगुल से मुक्त कराने की मांग की है।