वक्फ का प्रस्तावित संशोधन सर्वोत्तम, विपक्ष वोट बैंक के लिए कर रहा है ड्रामा : मुस्लिम राष्ट्रीय मंच

The proposed amendment of Waqf is the best, the opposition is doing drama for vote bank: Muslim National Forum

नई दिल्ली:। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने मोदी सरकार द्वारा लाए जा रहे वक्फ बोर्ड के प्रस्तावित संशोधन विधेयक को सर्वोत्तम बताते हुए विपक्षी गठबंधन पर वोट बैंक के लिए ड्रामा करने का आरोप लगाया है।मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक मंडल की बुधवार को नई दिल्ली में हुई बैठक में यह कहा गया कि वक्फ बोर्ड लूट और रंगदारी का अड्डा है, जहां गुंडागर्दी, अंधी कमाई और अकूत भ्रष्टाचार का माफिया राज चलता है। यही वजह है कि देश के मुसलमान गरीबी में हैं। लेकिन, अरबों-खरबों के वक्फ बोर्ड के नुमाइंदे करोड़ों में खेल रहे हैं।

राष्ट्रीय संयोजक मंडल की तरफ से शाहिद सईद ने कहा कि काफी समय से कॉमन मुस्लिम, गरीब मुस्लिम महिला, तलाकशुदा महिलाओं के बच्चे पूछ रहे हैं कि सरकार वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन क्यों नहीं कर रही है? आज आम मुसलमानों की वक्फ में जगह ही नहीं है, वक्फ में सिर्फ पावरफुल घुसपठिये हैं। प्रस्तावित संशोधनों का उद्देश्य केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य बोर्डों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करके समावेशिता को बढ़ाना है और आम लोगों के अधिकार को सुनिश्चित करना है। जबकि, दुखद बात यह है कि इंडिया गठबंधन में शामिल नेता वोट बैंक की खातिर सभी भ्रष्टाचारियों की जमात की तरह वक्फ बोर्ड को बेनकाब होने से बचाने में एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं और यह सबकुछ वे सभी मुस्लिम वोट की खातिर कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच अपील करता है कि वक्फ बोर्ड के खिलाफ सरकार कड़े कानूनों का प्रावधान करे और मुसलमानों के फायदे और उनके उत्थान के लिए योजनाओं को ठोस तौर पर तैयार करे। इससे न केवल भारत के मुस्लिमों का जीवन स्तर सुधरेगा, बल्कि उनके भविष्य के साथ-साथ देश का भी चौतरफा विकास होगा।राष्ट्रीय संयोजक प्रोफेसर शाहिद अख्तर ने कहा कि आज देशवासी और खासतौर से मुस्लिमों के दिमाग में अनगिनत सवाल हैं और वक्फ बोर्ड अपनी जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकता है। लोग जानना चाहते हैं कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का इस्तेमाल मुसलमानों की बेहतरी में होना चाहिए, लेकिन क्या आजादी के बाद से अभी तक का रिकॉर्ड वक्फ बोर्ड दे सकता है कि उसने मुसलमानों की बेहतरी के लिए कितने अस्पताल खोले? कितने मेडिकल कॉलेज खोले, जिसमें मुस्लिम बच्चे चिकित्सा शास्त्र की डिग्री ले रहे हैं?उन्होंने सवाल किया कि वक्फ बोर्ड ने कितने इंजीनियरिंग कॉलेज खोले और किस-किस क्षेत्र में मुस्लिम बच्चे इंजीनियर बन रहे हैं? कितने मैनेजमेंट और रिसर्च इंस्टीट्यूट खोले ताकि मुसलमान अपनी तकदीर खुद लिख सकें? आज मुसलमान ये जानना चाहते हैं कि वक्फ बोर्ड ने कितने हायर एजुकेशन हब और कितने नर्सिंग कॉलेज की स्थापना की, जिसमें मुस्लिम बच्चे तालीम और ट्रेनिंग हासिल कर अपने भविष्य को बेहतर बना पा रहे हैं? कितने स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोले, जिससे मुसलमानों में जीविकोपार्जन की समस्या दूर हो सकी है?राष्ट्रीय संयोजक डॉक्टर शालिनी अली ने कहा कि क्या देश में सद्भाव और भाईचारा लाने की दिशा में वक्फ बोर्ड ने कभी कोई पहल की? क्या वक्फ के लिए हिंदुस्तान की एकता, अखंडता और संप्रभुता कोई मायने नहीं रखता है? अगर रखता है तो वक्फ बोर्ड ने इसके लिए क्या कभी कुछ किया?मंच ने वक्फ बोर्ड में संशोधन के प्रस्तावित विधेयक का विरोध करने वालों को नसीहत देते हुए कहा कि मुस्लिम मजहबी व सियासी नेता वक्फ की कारिस्तानियों और कारगुजारियों पर जवाब दें और खुलकर बोलें, न कि मुसलमानों को भड़काने का काम करें।

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