सलेमपुर लोकसभा:नये पर नहीं पुरानों पर पार्टी ने लगाया दांव

यदि नही लड़े योगेश्वर तो किसके साथ होगी टीम

रिपोर्ट अजीत कुमार सिंह बिट्टू जी

बलिया। सलेमपुर लोकसभा सीट पर भाजपा और सपा दोनों दलों ने इस बार पुराने चेहरों को ही मौका दिया है और नये चेहरों पर भरोसा नहीं जताया। वैसे भाजपा से टिकट के दौड़ में योगेश्वर सिंह, रिटायर्ड जज अशोक कुशवाहा, व राजेश सिंह वहीं सपा से रामइकबाल सिंह, ओपी यादव, अवलेश सिंह थे। भाजपा और सपा के दोनों उम्मीदवार मैदान में आ चुके है लेकिन जिसे टिकट नही मिला वह क्या करेंगे किसके साथ होंगे यह भी एक अहम सवाल राजनीतिक गलियारों में घूम रहा है।
भाजपा से इन्होंने की थी दावेदारी
जनता और उनके समर्थकों में अहम भूमिका निभाने वाले दावेदार जिसने अपने लिए कड़ी मेहनत और जनता से संपर्क स्थापित कर कुछ वादे किए थे, जिसपर जनता का पूरा भरोसा था। दावेदारों की मानें तो उनके भी कुछ अपने सपने थे उन सपनों का क्या होगा, यह भी एक सवाल है। विगत कई साल से योगेश्वर सिंह का परिवार राजनीति में सक्रिय रहा और खुद योगेश्वर सिंह ने अपने लिए मैदान तैयार किये और सलेमपुर लोकसभा में ताबड़तोड़ मेहनत भी किया। कार्यकताओं की फौज भी उन्होंने खडा किया। जब वह क्षेत्र के लिये अपने घर से निकलते थे तो उनके साथ गाड़ियों का काफिला भी जमकर चला, लोग उनके साथ चले उसके बाद भी उन्हें किसी दल से टिकट नही मिला और वह अपनी प्रतिक्रिया भी व्यक्त नहीं की।
सपा से इन्होंने की थी दावेदारी
लेकिन खामोशी भरे चेहरे पर कोई राज जरूर है जो योगेश्वर सिंह नहीं बता पा रहे है। सूत्र यह बता रहे है कि 17 अप्रैल को योगेश्वर सिंह अपने आवास कुसौरा में रहेंगे और अपने साथियों के साथ कुछ गोपनीय बैठक भी करेंगे। जिसमें आगे की रणनीति तैयार करेंगे। अब सवाल यह उठता है कि आगे की रणनीति क्या होगी। वहीं दूसरी तरफ उनके लोग जिन्होंने योगेश्वर ंिसह के लिये मैदान तैयार किया था। वे योगेश्वर सिंह के निर्णय के इंतजार में बैठे है। वैसे इस बार के चुनाव में भाजपा और सपा दोनो दलों ने पुराने उम्मीदवार को मैदान में उतारा है और नये उम्मीदवार को मौका नहीं

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