संविधान हत्या दिवस पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता बोले, 25 जून 1975 का मैं भी भुक्तभोगी
On Constitution Murder Day, former Deputy Chief Minister of Jammu and Kashmir Kavinder Gupta said, I am also a victim of 25 June 1975

जम्मू, 12 जुलाई:केंद्र सरकार ने 25 जून को संविधान की हत्या दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इसको लेकर बीजेपी के दिग्गज नेता एवं जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता ने आईएएनएस से बातचीत की।
बीजेपी नेता कविंदर गुप्ता ने बताया कि, 25 जून 1975 का मैं खुद भुक्तभोगी हूं। मैं 13 साल की आयु का था, लोकतंत्र के खिलाफ जो मुहिम इन्होंने चलाई थी; इसका विरोध करने के लिए मुझे भी 13 महीने पटियाला और गुरदासपुर की जेल में रहना पड़ा था।
आपातकाल के पीछे की लंबी कहानी है, हाईकोर्ट से इंदिरा गांधी का इलेक्शन निरस्त किया गया और उनको इस्तीफा देने के लिए कहा गया। जिस प्रकार से गुंडागर्दी का राज था, आज भी वह दौर याद कर रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
आज जो विपक्ष में नेता हैं, जिसमें लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार और समाजवादी पार्टी के लोग शामिल हैं। ये सभी उस समय जेल में थे। इस दिन को काला इतिहास के दिन के रूप में मनाना चाहिए। आगे से ऐसा न हो इसलिए इसका घोर विरोध करना चाहिए।
उन्होंने अनुच्छेद 370 पर बात करते हुए कहा कि, यह एक सौदा था, जो शेख अब्दुल्ला और नेहरू के बीच में हुआ था। यह सौदा जम्मू कश्मीर को कमजोर करने के लिए अलगाववाद और आतंकवाद को बढ़ाने के लिए व अपना परिवार चलाने के लिए यह एक ब्लैकमेलिंग थी। इसको नेहरू ने स्वीकारा।
जब भारतीय जनता पार्टी जनसंघ के रूप में काम कर रही थी तब भी हमने एक निशान, एक प्रधान और एक विधान का नारा दिया था। जम्मू-कश्मीर कोई अलग देश नहीं था, जहां पर परमिट लेकर आना पड़ता।
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने उसके लिए बलिदान दिया। आज भी रामबन और हीरानगर में शहीदी दिवस मनाया जाता है।
आज जम्मू-कश्मीर आगे बढ़ रहा है। पाकिस्तान ने भी इस तरक्की को स्वीकारा है। कांग्रेस की मानसिकता अब पाकिस्तान वाली हो गई है।


