डायलॉग कमीशन के सदस्यों को बर्खास्त करने का दिल्ली एलजी का आदेश अमान्य 

Delhi LG order to dismiss members of Dialogue Commission invalid

 

 

 

 

 

नई दिल्ली, 2 जुलाई: दिल्ली सरकार की योजना मंत्री आतिशी ने मंगलवार को एक आदेश जारी करते हुए सर्विसेज़ विभाग और एलजी द्वारा दिल्ली डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन के तीन नॉन ऑफिशियल सदस्यों को बर्खास्त करने के आदेश को अमान्य करार दिया। उन्होंने अपने आदेश में कहा कि दिल्ली डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन पर निर्णय लेना सर्विसेज विभाग या एलजी के क्षेत्राधिकार में नहीं आता, ऐसे में ये आदेश अमान्य है और डीडीसीडी के नॉन ऑफिशियल सदस्य अपनी भूमिका में बने रहेंगे। उन्होंने सर्विसेज विभाग के सचिव को निर्देश देते हुए कहा कि डीडीसीडी के तीनों नॉन ऑफिशियल सदस्य अपनी भूमिका में बने रहेंगे, योजना मंत्री की मंजूरी के बिना सर्विसेज विभाग या एलजी के आदेश के अनुसार कोई भी कार्रवाई अवैध मानी जाएगी और दोषी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि पिछले दिनों एलजी वीके. सक्सेना ने दिल्ली डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन के सभी नॉन ऑफिशियल सदस्यों की नियुक्ति को रद्द कर दिया गया था। उन्हें तत्काल प्रभाव से डीडीसीडी से हटा दिया गया था।योजना मंत्री द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि डीडीसीडी में नॉन-ऑफिशियल सदस्यों की नियुक्ति और उनके कार्यों को लेकर निर्देश देने का एकमात्र अधिकार दिल्ली के मुख्यमंत्री के पास है। डीडीसीडी के नॉन ऑफिशियल सदस्यों को सीधे मुख्यमंत्री द्वारा नियुक्त किया जाता है और इन सदस्यों का कार्यकाल दिल्ली सरकार के कार्यकाल (को-टर्मिनस) के साथ-साथ है और उन्हें केवल डीडीसीडी के अध्यक्ष (दिल्ली के मुख्यमंत्री) की मंजूरी से ही हटाया जा सकता है। ऐसे में एलजी और सर्विसेज़ विभाग के पास इन नॉन ऑफिशियल सदस्यों की नियुक्ति को रद्द करने का आदेश जारी करने का कोई अधिकार नहीं है।आतिशी के आदेश में कहा गया है कि इन नॉन ऑफिशियल सदस्यों को अपने-अपने क्षेत्रों में विशेषज्ञता के कारण सरकार को नीतिगत सुधारों की सिफारिश करने के लिए सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है। डीडीसीडी के इन नॉन-ऑफिशियल सदस्यों ने पिछले चार सालों के अपने कार्यकाल में शानदार काम किया और और बहुत से नीतिगत फैसलों में सरकार की मदद की है। इन नॉन ऑफिशियल सदस्यों के रूप में हटाने का कोई भी आदेश सिर्फ डीडीसीडी के अध्यक्ष (मुख्यमंत्री) द्वारा पारित किया जा सकता है, इसलिए मुख्यमंत्री के किसी भी निर्देश के बिना, सर्विसेज विभाग द्वारा 27 जून को इन सदस्यों के निलंबन का आदेश पूरी तरह अमान्य है।

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