श्री कृष्ण जन्मोत्सव की कथा सुन झूम उठे श्रोता। आचार्य बृजेश मणि त्रिपाठी।
विनय मिश्र, जिला संवाददाता।
सलेमपुर देवरिया सलेमपुर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम चकरा गोसाई में चल रहे भागवत कथा मैं मैं भगवान कृष्ण अवतार की कथा का रसपान कराते हुए आचार्य बृजेश मणि त्रिपाठी ने कहा कि पृथ्वी जब जब अत्याचार बढ़ता है तो भगवान को किसी न किसी रूप में अवतार लेना पड़ता है कंस के अत्याचार से सभी लोग दुखी थे वासुदेव और देवकी को कंस ने कारागार में बंद कर दिया था, कंस यह जानता था कि देवकी का आठवां पुत्र ही मेरी मृत्यु का कारण बनेगा इसलिए कठिन सुरक्षा के घेरे में वसुदेव देवकी को बंद कर दिया था। भगवान कृष्ण के आने का समय हुआ और वसुदेव देवकी को भगवान ने चतुर्भुज रूप में दर्शन देकर कि अब घबराने की बात नहीं अब मैं आ गया हूं । वसुदेव देवकी के प्रार्थना पर भगवान बालक बनकर देवकी की गोद में आ गए वासुदेव ने बालक कृष्ण को बचाने के लिए सूप में रखकर नंद बाबा के वहां गोकुल पहुंचा दिया और कन्या को लेकर वापस चले आए। श्री कृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर मंगल गीत गाए गए और पूरा पंडाल भगवान कृष्ण के जयकारे से गूंज उठा लोगों ने भगवान की आरती उतारी