दिल्ली में आप के 62 विधायक, फिर भी आतिशी सरकार में सिर्फ 5 नेता ही क्यों बने मंत्री?

AAP has 62 MLAs in Delhi, yet why only 5 leaders became ministers in Atishi government?

नई दिल्ली:आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। उनके साथ आप विधायक गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन, सौरभ भारद्वाज और मुकेश अहलावत ने मंत्री पद की शपथ ली।

दिल्ली में आम आदमी पार्टी के 62 विधायक होने के बावजूद सिर्फ पांच नेताओं को ही मंत्री बनाया गया है। ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है कि जब दिल्ली में आप के 60 से अधिक विधायक हैं तो सिर्फ पांच नेता ही क्यों मंत्री बनाए गए।

दरअसल, साल 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने संविधान में सरकार के मंत्रिमंडल के आकार को लेकर एक व्यवस्था की थी। इससे पहले देश और राज्य में जितनी भी सरकारें थीं, उस दौरान ऐसा कोई प्रावधान नहीं लागू होता था। हालांकि, 91वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2003 द्वारा मंत्रिपरिषद के आकार को सीमित कर दिया गया।

तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने साल 2003 में संविधान का 91वां संशोधन किया। इस संशोधन के जरिये मंत्रिमंडल का आकार 15 फीसदी तक सीमित कर दिया गया। इसी के आधार पर केंद्र और राज्य कैबिनेट में सदस्यों की संख्या तय करनी होती है।

इससे पहले मंत्रिमंडल के आकार को लेकर कोई व्यवस्था नहीं थी। इसके लागू होने से पहले देश के अलग-अलग राज्यों में सरकारें थीं, जहां मंत्रियों की संख्या 15 से 35 प्रतिशत थी। 91वां संशोधन लागू होने से पहले साल 2003 में यूपी सरकार में लगभग 90 से अधिक मंत्री थे। बिहार में 80 से अधिक, महाराष्ट्र में 65 से अधिक, पश्चिम बंगाल में 40 से अधिक और आंध्र प्रदेश में भी इतने ही मंत्रियों की संख्या थी।

बता दें कि मार्च 2003 में संविधान का 91वां संशोधन लागू हुआ था। यही कारण है कि आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार में मुख्यमंत्री आतिशी के अलावा सिर्फ पांच कैबिनेट मंत्री शामिल किए गए हैं। इससे पहले अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार में भी उनके अलावा पांच नेताओं को ही कैबिनेट में जगह दी गई थी।

Related Articles

Back to top button