काशी विश्वनाथ धाम में पितरों के नाम का दीया जलाने की व्यवस्था, जमा करना होगा शुल्क

Arrangements for lighting lamps in the name of ancestors in Kashi Vishwanath Dham, fee will have to be deposited

वाराणसी:। दीपावली के अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ धाम परिसर में पितरों के नाम पर दीये जलाए जाएंगे। इसके लिए श्रद्धालुओं को शुल्क भी जमा करना होगा।

पितरों के नाम पर दीये जलाने के इस विशेष आयोजन के तहत, कॉरिडोर के गेट नंबर चार से गंगा द्वार तक लगभग 25 हजार दीयों को जलाने की योजना बनाई गई है। इसके लिए श्रद्धालुओं को 1,100 रुपये से लेकर 11 हजार रुपये तक का शुल्क जमा करना होगा। दीये जलाने की बुकिंग श्रद्धालुओं को न्यास की वेबसाइट और एप के जरिए करनी होगी।

मंदिर प्रशासन द्वारा बताया गया है कि दीया डोनेशन करने वाले भक्तों को प्रसाद उनके घरों तक भेजा जाएगा। दरअसल, 31 अक्टूबर को दीपावली मनाई जाएगी, जो कि अमावस्या तिथि के साथ मेल खाती है। इस दिन पितरों की पूजा का विधान भी है, इसी कारण से काशी में श्रद्धालुओं की मांग के अनुसार इस आयोजन की व्यवस्था की गई है।

श्री काशी विश्वनाथ न्यास ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रोफेसर नागेंद्र पांडेय ने इस विशेष आयोजन को लेकर आईएएनएस से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि दीपावली पर्व एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इसे हम पर्व कहते हैं और यह हमारे धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है। अमावस्या की रात में पितरों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने का यह एक महत्वपूर्ण अवसर है।

उन्होंने बताया कि दक्षिण भारत की परंपरा में प्रत्येक अमावस्या को विशेष रूप से दीपदान पितरों के नाम पर किया जाता है। हमारे श्रद्धालुओं की मांग को देखते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि इस वर्ष पहली बार इस प्रकार का आयोजन किया जाएगा। दीप दान का यह आयोजन निश्चित रूप से आने वाले त्योहारों पर भी जारी रखा जा सकता है। यह हमारी आस्था और श्रद्धा को दर्शाता है।” उन्होंने बताया कि इस आयोजन के तहत चतुर्दशी तिथि से लेकर अमावस्या तक दीया जलाने का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

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