बंगाल विधानसभा स्पीकर ने ‘शपथ ग्रहण’ पर जारी टकराव के बीच राष्ट्रपति से की हस्तक्षेप की अपील
Bengal Assembly Speaker appeals to President to intervene amid ongoing clash over 'swearing-in'
कोलकाता, 27 जून: पश्चिम बंगाल विधानसभा के स्पीकर बिमान बंदोपाध्याय ने गुरुवार शाम कहा कि उन्होंने दो नवनिर्वाचित विधायकों सयंतिका बनर्जी और रेयात हुसैन सरकार के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर राजभवन के साथ जारी टकराव के बीच राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है।
बंदोपाध्याय ने यहां मीडिया से कहा कि पत्र में उन्होंने राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि तृणमूल कांग्रेस के दोनों नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को नामांकित करने का निर्देश वह पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस को दें।
उन्होंने कहा, “मैं उम्मीद करता हूं कि राष्ट्रपति राज्यपाल को सही सलाह देंगी। पहले भी इस तरह के टकराव हो चुके हैं। उस समय मैंने लोकसभा अध्यक्ष से पूछा था कि नये सांसदों को वह खुद शपथ दिलाते हैं या यह जिम्मेदारी राष्ट्रपति निभाते हैं।
“उन्होंने मुझे बताया था कि परंपरा के अनुसार, लोकसभा अध्यक्ष नये सांसदों को शपथ दिलाते हैं। लेकिन पश्चिम बंगाल में जो हो रहा है, वह परंपरा के विपरीत है।”
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर बात करने के लिए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से भी संपर्क करने की कोशिश की थी जो सी.वी. आनंद बोस से पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे।
उन्होंने कहा, “लेकिन उपराष्ट्रपति व्यस्तताओं के कारण मेरा फोन नहीं उठा सके। उम्मीद करता हूं कि जल्द ही उनसे इस मुद्दे पर बात होगी।”
उल्लेखनीय है कि राज्यपाल ने तृणमूल कांग्रेस के दोनों नवनिर्वाचित विधायकों को बुधवार को राजभवन में शपथ ग्रहण से लिए आमंत्रित किया था। दोनों ने यह कहते हुए उनका आमंत्रण अस्वीकार कर दिया कि परंपरा के अनुसार उपचुनाव में जीतने वाले विधायकों को शपथ दिलाने की जिम्मेदारी राज्यपाल विधानसभा अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को सौंपते हैं।
राज्यपाल ने शपथ ग्रहण समारोह विधानसभा में आयोजित करने से इनकार कर दिया और बुधवार दोपहर दिल्ली चले गये।
इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार सुबह कहा, “दोनों विधायक जनादेश से जीतकर आये हैं। राज्यपाल को उन्हें शपथ लेने से रोकने का क्या अधिकार है।”
मुख्यमंत्री ने सयंतिका बनर्जी और रेयात हुसैन सरकार की इस मांग का समर्थन किया कि या तो राज्यपाल शपथ दिलाने के लिए विधानसभा आएं या विधानसभा अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को शपथ दिलाने के लिए नामांकित करें।
उपचुनाव में जीते दोनों विधायकों ने बुधवार और गुरुवार को विधानसभा परिसर के अंदर धरना दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “वे सही हैं। …दोनों विधायक राजभवन क्यों जाएंगे।”