ग्रामीण क्षेत्र से मांग बढ़ने के कारण एफएमसीजी सेक्टर में हो सकती है 7 से 9 प्रतिशत की वृद्धि
The FMCG sector could grow by 7 to 9 per cent due to increased demand from rural areas
नई दिल्ली, 4 जुलाई: भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में मांग के दोबारा लौटने और शहरी क्षेत्रों में मांगों में वृद्धि जारी रहने के कारण चालू वित्त वर्ष में एफएमसीजी सेक्टर की आय वृद्धि 7 से 9 प्रतिशत रह सकती है। गुरुवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।क्रिसिल रेटिंग्स द्वारा 77 एफएमसीजी कंपनियों पर की गई स्टडी में कहा गया कि फूड और बेवरेज सेगमेंट में कच्चे माल की कीमत में एकल दर में इजाफा हुआ है। इससे कीमतों में मामूली वृद्धि होगी। वहीं, पर्सनल केयर और होम केयर सेगमेंट में कच्चे माल की कीमत स्थिर रहेगी।क्रिसिल रेटिंग्स के डायरेक्टर, आदित्य झावेर ने कहा कि हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 25 में 6 से 7 प्रतिशत की वॉल्यूम वृद्धि दर ग्रामीण क्षेत्र से देखने को मिल सकती है। (एफएमसीजी सेक्टर की कुल आय का 40 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र से आता है।) इसकी वजह फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि होना और अच्छे मानसून का होना है।आगे कहा कि सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत ग्रामीण इन्फ्रास्ट्रक्चर पर अधिक खर्च किए जाने के कारण ग्रामीण बचत को सहारा मिल रहा है और लोग अधिक खर्च कर पा रहे हैं।आगे रिपोर्ट में कहा गया कि चालू वित्त वर्ष में शहरी क्षेत्र में वॉल्यूम ग्रोथ 7 से 8 प्रतिशत की रह सकती है। इसकी वजह खर्च योग्य आय में बढ़ोतरी होना है। कंपनियों का फोकस विशेषकर पर्सनल केयर और होम केयर सेगमेंट में प्रीमियम ऑफरिंग पर है।क्रिसिल रेटिंग्स में एसोसिएट डायरेक्टर, रवीन्द्र वर्मा ने कहा कि ग्रामीण मांग बढ़ने के कारण फूड और बेवरेज सेगमेंट में 8 से 9 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिल सकती है। वहीं, पर्सनल केयर सेगमेंट 6 से 7 प्रतिशत की दर से बढ़ सकता है।