भदोही:कुरआन व सुन्नत के मुताबिक़ निकाह करो आसान: मुफ़्ती राशिद
मदरसा जामिया इस्लामिया अरबिया काजीपुर बना दीनी तालीम का सबसे बड़ा गहवारा
रिपोर्ट: अशरफ संजरी
भदोही। मदरसा जामिया इस्लामिया अरबिया काजीपुर भदोही इल्म दीन का सबसे बड़ा मरकज बना हुआ है। भदोही के तवारीख मे सबसे बड़ा दस्तार बंदी भदोही वालो के लिए बड़े ही फख्र की बात है कि मदरसे के असातजा-ए-कराम चटाई नशीं व बोरिया नशीं ने कड़ी मेहनत और लगन से मदरसे से दीन की ख़िदमत के लिए नायाब हिरे तराशे आज उन्ही मेहनतो का नतीजा रहा कि मदरसे के सालाना दस्तार बंदी मे 13 आलमियत की पढ़ाई कर नदवा आला तालीमात हासिल करने के लिए यहां से फारिग हुए तो वहीं 10 हूफ्फाज़-ए-कराम की अंजुमन भदोही की फिजा को मोअत्तर कर रही थी। मोहल्ला काजीपुर रोड स्थित फ़क़ीर सेठ के अहाते मे बीती रात जलस-ए- प्यामे मोहम्मद ( दस्तार हिफ़्ज़ व कराअत) का आयोजन किया गया। दस्तार बंदी में आलिमो व हूफ्फाज़-ए-कराम के सरो पर दीन की ख़िदमत करने का ताज उलमा-ए-दीन के दस्ते मुबारक से रखा गया। आलिमो व हूफ्फाज़-ए-कराम की अंजुमन सितारों की मानिंद चमक रही थी। तो वहीँ उनके माँ बाप के आँखों से ख़ुशी के आंसू छलक पड़े और बारगाहे इलाही मे हाँथ उठा कर यही कहने लगे कि ऐ अल्लाह तू करीम है तू रहीम है और मैं खुशनसीब हूँ कि जो तूने मेरे लख्ते जिगर को दीन की ख़िदमत करने के लिए चुना। दस्तारे फरागत मे आये मौलाना मुफ़्ती राशिद ने इस्लाही तकरीर करते हुए कहा कि बड़े खुश नसीब वो माँ बाप होते है जिनके बच्चों को परवरदिगार दीन की ख़िदमत के लिए मुन्तख़ब करता है। कहा मदरसे से पढ़ कर फारिग होने वाले तुलबा ही मआशरे मे फैली बुराइयों को अल्लाह और रसूल की बातो को बता कर ख़त्म करने का काम करते है। कहा कुरआन को पढ़ो और समझो कुरआन हमारी रहबरी करता है कुरआन हमें जीने का सलीका बताता है। कहा आज हमारा मआशरा बद से बदतर हालात से गुजर रहा है इसकी वजह हमने कुरआन का पढ़ना छोड़ दिया कुरआन को समझना छोड़ दिया। आज हमारे घर की बहन बेटियां खुले सर घूमती नजर आती है। आज हम दूसरे कौमो की नक़ल कर मजहबे इस्लाम के क़वानीन से दूर होते हुए नज़र आ रहे है यही वजह है कि हम पर जालिम हुक्मरां मुसल्लत किये जा रहे है यही वजह है कि हम जलिलो खार होते हुए नज़र आ रहे है। हमें दुनिया की रहबरी के लिए भेजा गया हमें इल्म से मुजय्यन कर भेजा गया हमें दुनिया को रौशनी दिखाने के लिए भेजा गया मगर अफ़सोस आज हमीं अंधेरो में भटकते हुए नज़र आ रहे है।मौलाना ने कहा यह हमारे बद अमली का नतीजा है जो हम पर दुनिया ग़ालिब होती हुई नज़र आ रही है। कहा अपने अख़लाक़ को अच्छा बनाओ पड़ोसियों का हक़ अदा करो गरीबो मिस्कीनों बेवाओं पर रहम करो गिरतों को सहारा दो और कुरआन व सुन्नत के मुताबिक़ ज़िन्दगी गुजारो तुम्हे सर बलन्दी अता की जायेगी। कहा अपनी नस्लो को इल्म के हथियार से आरास्ता करो। कहा कुरआन व सुन्नत के मुताबिक निकाह को आसान करो। वलीमा करो, वलीमा सुन्नते खैरुल अनाम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम है। हमारे यहां निकाह को इतना दुश्वार कर दिया गया है कि हमारी बहन बेटियां घरों में बैठी हुई सिसक रही है। कहा हमने दीन के रास्ते को छोड़ दिया है। याद रखो जब तक हम दीन के रास्ते पर चल कर ज़िंदगी नही गुजारेंगे तब तक हम इसी तरह पश्ता हाल रहेंगे। वहीं मौलाना मोहम्मद हसन नदवी ने कहा आपने अखलाक और किरदार को बुलन्द व बाला करो। अपने भाइयों, पड़ोसियों, रिश्तेदारों से बेहतर रिश्ता रखो। मौलाना ने इस्लामी तौर तरीके पर अमल करते हुए ज़िन्दगी गुजारने की बात कही। कार्यक्रम का आगाज कारी नाजिर ने क़ुरआने करीम की तिलावत से किया तो नाजिमे कांफ्रेंस मौलाना अतीकुर्रहमान नदवी व सदारत मौलाना अब्दुल अहद फलाही ने किया। रौनके स्टेज मौलाना शमसुद्दीन नदवी, कारी इस्माईल, मौलाना मो.आरिफ नदवी, मौलाना मोहम्मद हनीफ, कारी अबरार अहमद रहे तो वहीँ बानिये मदरसा लायके सद एहतेराम हाजी हलीमुल्लाह अंसारी, हाजी मुनव्वर अली अंसारी, प्रो. मुश्ताक अहमद, हाफिज अशरफ अली (हाफिज जी) हाजी मास्टर अब्दुर्रहीम, हाजी अब्दुस्सलाम अंसारी, फिरोज अहमद सहित मौलाना आफताब नदवी, सुहेल अकबर अंसारी, शादाब अकबर अंसारी आदि प्रमुख रूप से रहे।