सीआरपीएफ जवान का पार्थिव को लेकर हजारों लोग पैदल शव यात्रा में शामिल हुए, भारत माता की जयघोष के नारे लगे,दस दिन पूर्व घर से गए थे ड्यूटी पर,नक्सली हमले से नहीं ,बीमारी से मौत हुई,अंतिम संस्कार शनिवार को गांव के ही तमसा नदी के किनारे चड़ई पर हुआ।

रिपोर्ट:चंदन शर्मा

रानी की सराय/आजमगढ़:बीमारी से हुई मौत के बाद सीआरपीएफ जवान का पार्थिव शरीर शुक्रवार की देर शाम को पहुंचा । क्षेत्र के लोग काफी संख्या में रानी की सराय के चेक पोस्ट के पास शव का इंतजार करते रहे और पार्थिव शरीर के सम्मान में लगभग 4 किलोमीटर पैदल यात्रा कर घर पहुंचे। भारत माता की जयघोष के नारे लगाये गये।
पार्थिव शरीर को घर ले जाने में देर रात हो गई इसलिए परिजनों और साथी जवानों की सहमति के बाद शनिवार की सुबह को अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया गया।शव को घर पहुंचते ही परिजनों की चीख पुकार शुरू हो गई। पार्थिव शरीर को घर ले जाते समय युवाओं ने भारत मां की जय घोष के नारे लगाये। शनिवार को सुबह में केंद्रीय पुलिस की मौजूदगी में घर पर शव की सलामी दी गई और गांव में ही स्थित तमसा नदी के किनारे चड़ई घाट पर अंतिम संस्कार किया गया । मृतक सीआरपीएफ जवान के एक लड़का और एक लड़की है। लड़की सबसे बड़ी और लड़का छोटा था। पत्नी नीलम देवी का रो रो कर बुरा हाल हो गया। पार्थिव शरीर के साथ आए जवानों ने बताया कि मृतक परविंद यादव पुत्र स्वर्गीय सुदर्शन यादव की मौत नक्सली हमले से नहीं बल्कि बीमारी से हुई है। जबकि परिजनों में मौत के कारणों को लेकर संशय बना हुआ था। इस दौरान यात्रा में आजमगढ़ सांसद दिनेश लाल उर्फ निरहुआ, जिला पंचायत अध्यक्ष विजय कुमार यादव, एसडीएम सदर ज्ञान चंद गुप्ता, सीओ सिटी गौरव शर्मा समेत आदि लोग मौजूद थे2009 में हुई थी सीआरपीएफ में भर्ती रानी की सराय,मृतक अरविंद यादव पुत्र स्वर्गीय सुरेंद्र यादव की सेना में भर्ती 2009 में हुई थी और शादी 2012 में हुई थी। जिसके एक लड़की गरिमा 9 वर्ष और निखिल 7 वर्ष का है। पत्नी नीलम देवी का रो-रो कर बुरा हाल है। परविंद यादव एक महीने की छुट्टी पर आये हुए थे 28 मई को ड्यूटी पर गये हुए थे।

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