वाराणसी में करोड़ों रुपए की लूट को अंजाम देने वाला अजमतगढ़ निवासी मंटू राय गिरफ्तार,चार अन्य की पुलिस कर रही तलाश,मंटू राय ने कबूला जुर्म बताया साथियों का नाम,जिस गाड़ी से मिले रूपये वह मंटू की पत्नी के नाम

रिपोर्ट:राकेश श्रीवास्तव

सगड़ी/आजमगढ़:वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र के शंकुलधारा पोखरे के पास से मिले लाखों रुपए के मामले में आजमगढ़ जिले के अजमतगढ़ निवासी सच्चिदानंद उर्फ मंटू राय (37 ) को पुलिस ने वाराणसी के पुलिसलाइन से गिरफ्तार किया है, मंटू राय वाराणसी के शिवपुर थाना क्षेत्र के नवलपुर में रहता था, पुलिस की पूछताछ में उसने स्वयं समेत 4 अन्य लोगों के इस घटना में शामिल होने की बात कबूली है, मंटू राय ने बताया कि लूट की घटना को अंजाम देने में उसके साथ घनश्याम मिश्रा निवासी प्रयागराज, अजीत मिश्रा निवासी सारनाथ, वसीम निवासी प्रतापगढ़ और प्रदीप पांडेय निवासी प्रतापगढ़ शामिल रहे, उसने पुलिस को बताया कि जिस गाड़ी में रुपए बरामद हुए, वह गाड़ी उसकी पत्नी निधि राय के नाम से रजिस्टर्ड है, बता दें कि
गुजरात के विक्रम सिंह की तहरीर पर कार्रवाई करते हुए लापरवाही के आरोप में तत्कालीन भेलूपुर इंस्पेक्टर समेत 7 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया था, साथ ही सारनाथ के रहने वाले अजीत मिश्रा समेत 12 अज्ञात लोगों के खिलाफ लूट का मुकदमा दर्ज किया गया था, विक्रम सिंह ने आरोप लगाया था, कि अजीत मिश्रा ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर एक करोड़ 40 लाख रुपए लूटा, जिसके बाद पुलिस विधिक कार्यवाही में जुट गई, वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस के अपर पुलिस आयुक्त (मुख्यालय/अपराध) संतोष कुमार सिंह ने बताया कि बीते 29 मई को बैजनत्था के व्यापारी से एक करोड़ 40 लाख लूट का केस दर्ज है, बरामद नगदी उसी से संबंधित है, बताया कि 29 मई को पुलिस के सामने पैसे को लेकर मारपीट का मामला सामने आया था, लेन-देन के मामले के विवाद की सूचना पर भेलूपुर पुलिस पहुंची थी, इंस्पेक्टर भेलूपुर और अन्य पुलिसकर्मियों ने 2 दिनों तक मामले को अपने स्तर से दबाने का प्रयास किया, उच्च अधिकारियों के आदेश के बाद भी पैसे किसके हैं भेलूपुर पुलिस पता नहीं लगा सकी, और मामले की लीपापोती में लगी रही, बाद में गुजरात के व्यापारी ने मामले में मुकदमा दर्ज कराया, अजीत मिश्रा उर्फ गुरुजी नामजद और करीब एक दर्जन अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना की जा रही है, वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस की छवि इस मामले से धूमिल हुई, इसी कारण जांच में दोषी सात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है, कहा की आगे की जांच में गड़बड़ी मिलने पर दोषी पुलिसकर्मियों और अन्य आरोपियों के खिलाफ कठोर वैधानिक कार्रवाई भी की जाएगी ।
विदित है कि वाराणसी के
भेलूपुर थाना क्षेत्र के शंकुलधारा पोखरे के पास 29 जून को नारंगी रंग के लावारिश कार की सूचना पुलिस को मिली थी, डिग्गी में रखे बोरे को खोलने पर उसमें रुपए बरामद हुए थे, थाने लाकर कैश की गिनती कराने पर उसमें 92 लाख 94 हजार 600 रुपए मिले, यह बात चारो तरफ फैल गई थी, लेकिन जब वाराणसी कमिश्नरेट के अफसरों ने इसकी जांच की तो कहानी कुछ और सामने आई, डीसीपी काशी जोन आरएस गौतम की जांच रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि पूरे प्रकरण में निलंबित इंस्पेक्टर भेलूपुर रमाकांत दुबे के अलावा तीन दरोगा और तीन सिपाही शामिल रहे, वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के अपर पुलिस आयुक्त संतोष सिंह ने डीसीपी काशी जोन की रिपोर्ट के आधार पर भेलूपुर के तत्कालीन इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे, एसआई सुशील कुमार, एसआई महेश कुमार, एसआई उत्कर्ष चतुर्वेदी, कांस्टेबल महेंद्र कुमार पटेल, कपिल देव पांडेय, शिवचंद्र को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है ।

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