आजमगढ़:हमारी संस्कृति हमारी पहचान,संस्कृति उत्सव 2023 का होगा आयोजन, 7 जनवरी तक तहसील कार्यालय पर करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन

सुपर फास्ट टाइम्स से आफताब आलम की रिपोर्ट

आजमगढ़:प्रदेश के कलाकारों और सभी विधाओं के संरक्षण एवं प्रचार-प्रसार को उत्तर प्रदेश संस्कृत पर्व, हमारी संस्कृति हमारी पहचान“ संस्कृति उत्सव 2023“ का आयोजन जनपद में कराया जा रहा है। जनपद के सभी तहसीलों में तत्पश्चात जनपद व मंडल स्तरीय प्रतियोगिताएं की जाएगी। इस आयोजन को लेकर मंडल प्रभारी डॉ0 डीपी तिवारी ने बताया कि जनपद के सभी तहसीलों में यह प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। तहसील स्तरीय विजेता प्रतिभागी जनपद स्तरीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे। जनपद स्तरीय प्रतियोगिता के विजयी प्रतिभागी मंडल स्तरीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के पश्चात राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में प्रतिभा करने के लिए लखनऊ जाएंगे।
इस प्रतियोगिता में गायन, शास्त्रीय गायन, वादन, लोक नृत्य, लोक गायन, देश भक्ति समूह नृत्य, देशभक्ति गीत, नौटंकी, रामलीला, रासलीला, नुक्कड़ नाटक आदि का आयोजन होना है। इच्छुक आवेदक संस्कृति विभाग के वेबसाइट upcultuerutsav@gmail.com व पोर्टल https://upculture.up.nic.in/hi/sanksriti-utsa-2023 से फॉर्म डाउनलोड करके तहसील पर तहसीदार कार्यालय में तारीख 7 जनवरी तक 2024 जमा कर सकते हैं।
संस्कृति उत्सव 2023 के अंतर्गत आयोजित कराने वाली प्रतियोगिताओं का आयोजक संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश तथा सहयोगी स्थानीय जिला प्रशासन है। संस्कृति उत्सव की प्रतियोगिता और शर्तों के अन्तर्गत प्रतियोगिता में प्रतिभा हेतु संबंधित जनपद का निवासी अपने ही जनपद के क्षेत्र अंतर्गत प्रतियोगिता स्थल पर प्रतिभाग कर सकता है। एक प्रतिभागी केवल एक ही विधा में प्रतिभा कर सकता है। प्रतिभागी कलाकार दलनायक के रूप में अपने सभी सहयोगी कलाकारों का संपूर्ण विवरण यथा नाम, पता, आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, पासपोर्ट साइज की दो फोटो अलग से देंगे। यदि कोई कलाकार अन्य किसी दल के साथ सहभागिता करेगा, तो उसे कलाकार को दूसरे दलनायक के रूप में शामिल नहीं किया जाएगा। सभी कलाकारों को संगत कलाकार व वाद्य यंत्रों की व्यवस्था स्वयं करनी होगी। देश भक्ति गीत, लोकगीत, लोक नृत्य, जनजाति नृत्य एवं लोक वाद्य में केवल समूह प्रस्तुतियां होंगी, अन्य सभी विधाओं में एकल प्रस्तुतियां होगी। सभी प्रतिभागी कलाकार एकल प्रस्तुति के अतिरिक्त सिर्फ एक समूह प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर सकते हैं। प्रतिभागी कलाकारों के साथ संगत कर रहे संगतकार एक से अधिक दल के साथ संगत कर सकते हैं, लेकिन एक ही दल के साथ संगत करने वाले दलनायक को अतिरिक्त अंक दिए जाएंगे। प्रस्तावित विधाओं के अतिरिक्त कोई अन्य प्रस्तुति मान्य नहीं होगी। देशभक्ति समूह गीत प्रस्तुति के दौरान प्रतिभागी अपने स्थान पर ही बने रहेंगे और जब निर्णायक मंडल में निर्देशित करेगा तो वह अपने पूर्व स्थिति में जा सकेंगे। शास्त्रीय नृत्य एवं लोक नृत्य में उसे विधा से संबंधित वेश-भूषा अनिवार्य है। समूह प्रस्तुतियां हेतु भी गणवेश अनिवार्य है। वेशभूषा का निर्धारण पृथक रूप से सूचित किया जाएगा। सभी प्रस्तुतियां पारंपरिक और मर्यादित होनी चाहिए, अन्यथा निर्णायक मंडल द्वारा निरस्त की जा सकती है। किसी भी राजनीतिक दल, धर्म, संप्रदाय, जाति या व्यक्ति की भावनाओं का आहत करने वाली प्रस्तुतियां पूर्णतया प्रतिबंधित होगी। एकल या समूह नृत्य में अग्निवर्धक दुर्घटनाकारी सामग्रियों का प्रयोग प्रतिबंधित है। एकल गायन में संगतकार सहित न्यूनतम 6 और अधिकतम 8 होने चाहिए। एकल गायन और नृत्य की प्रस्तुति में अधिकतम तीन संगतकार मान्य होंगे। समूह गायन के दल में न्यूनतम 6 अधिकतम 8 सदस्य होंगे, लोक नृत्य के दल में न्यूनतम 13 तथा अधिकतम 16 सदस्य होंगे। लोकनाट्य न्यूनतम 20 तथा अधिकतम 25 सदस्य होंगे। समूह वाद्य प्रस्तुति में प्रस्तुति कलाकारों की संख्या न्यूनतम 5 और अधिकतम 10 होनी चाहिए। प्रतियोगिता में सम्मिलित होने के लिए कोई शुल्क देय नहीं है। प्रतिभागियों को प्रतियोगिता स्वयं अपने साधन से आना जाना होगा।प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय, तृतीय पुरस्कार दिए जाएंगे। सभी विजयी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी दिए जाएंगें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button