मथुरा से जातीय जनगणना कराओ- ओबीसी आरक्षण बढ़ाओ सम्मेलन मंडलवार शुरु,भाजपा ने पिछड़े समाज को सिर्फ़ ठगने का काम कियाः कांग्रेस
जातीय जनगणना के बिना सामाजिक न्याय की संकल्पना पूरी नहीं होगीः अनिल यादव,जुलाई में शुरू होंगे जिला वार जातीय जनगणना कराओ- आरक्षण बढ़ाओ सम्मेलन
रिपोर्ट:रोशन लाल
आजमगढ़:कांग्रेस पार्टी द्वारा जातीय जनगणना और ओबीसी आरक्षण बढ़ाओ सम्मेलन की मंडलवार शुरुआत आगरा के मथुरा ज़िले से हुई। सम्मेलन में आगरा, फ़िरोज़ाबाद,मथुरा और मैनपुरी के पिछड़ी जातियों के नेता शामिल हुए। ग़ौरतलब है कि प्रदेश मुख्यालय के सम्मेलन में पूरे प्रदेश में मंडलवार कार्यक्रम की रूपरेखा तय हुई थी।मंडलवार कार्यक्रम मथुरा के बाद 18 जून को कानपुर, 19 जून को वाराणसी, 21 जून को सहारनपुर, 22 जून को बरेली, 25 जून को अयोध्या, 26 जून को देवीपाटन मंडल में प्रस्तावित हैं। जुलाई के पहले सप्ताह तक सभी 18 मंडलों में सम्मेलन हो जाएँगे। इसके बाद जिलावार सम्मेलन किए जाएँगे।सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए संगठन सचिव अनिल यादव ने कहा कि भाजपा वैचारिक तौर पर पिछड़ी जातियों की विरोधी है। संघ परिवार हमेशा आरक्षण और सामाजिक न्याय को ख़त्म करने के लिए गिरोहबंदी करता रहा है। भाजपा ने सिर्फ़ पिछड़े समाज का ठगने का काम किया है।उन्होंने कहा कि हमारे नेता राहुल गांधी ने भारतीय इतिहास का सबसे क्रांतिकारी मुद्दा उठाया है कि 50 फ़ीसदी आरक्षण की सीमा समाप्त की जाए और ओबीसी समाज का आरक्षण बढ़ाया जाए। यह सामाजिक न्याय की क्रांति है, इससे पिछड़े समाज की दशा और दिशा बदल जाएगी। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना के बिना सामाजिक न्याय की परिकल्पना पूरी नहीं होगी।सम्मेलन में अपनी बात रखते हुए प्रांतीय अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की चार राज्यों में सरकार है, जिसमें से तीन मुख्यमंत्री ओबीसी समाज से हैं। पूरे देश में ओबीसी समाज के हित के लिए कांग्रेस संघर्ष कर रही है।यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ओमवीर यादव ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि मोदी-योगी सरकार में हुई भर्तियों में ओबीसी समाज के युवाओं का हक़ मारा गया है। ओबीसी समाज का उत्पीड़न चरम पर है।प्रदेश सचिव मुकेश धनगर ने कहा कि अति पिछड़े समाज को भाजपा ने सिर्फ़ इस्तेमाल किया। भागीदारी के नाम पर भाजपा ने सिर्फ़ अपने एजेंटो को पद दिया। आने वाले लोकसभा के चुनाव में भाजपा को करारा जवाब दिया जाएगा।
सम्मेलन में निम्नलिखित प्रस्ताव पारित हुएः
1. सामाजिक न्याय की अवधारण बिना जातीय जनगणना के पूरा नहीं हो सकती है, लोकतंत्र को मज़बूत करने के लिए जातीय जनगणना ज़रूरी है।
2. आरक्षण की 50 फ़ीसदी की सीमा को तत्काल हटाया जाए ताकि पिछड़ी जातियों को उनकी आबादी के अनुपात में आरक्षण मिले।
3. ओबीसी का आरक्षण बढ़ाकर आबादी के अनुपात में आरक्षण सुनिश्चित किया जाए।
4. अतिपिछड़े समाज की हिस्सेदारी सुनिश्चित की जाए।