जान से मारने की धमकी देकर रंगदारी मांगने के मामले में नक्सली कमांडर को दो साल जेल की सजा, चल रहे थे 102 मामले

Naxal commander sentenced to two years in jail for extortion by threat of death, 102 cases underway

रांची:(झारखंड) झारखंड की राजधानी रांची में एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड) की विशेष अदालत ने मौत का खौफ दिखाकर वसूली करने के एक मामले में प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआई (पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया) के सुप्रीमो दिनेश गोप को दो साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने उस पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना न देने की स्थिति में उसे अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। दिनेश गोप को अमरजीत सिंह, कुलदीप, साहेब और मरांग बुरू नाम से भी जाना जाता है। उसके खिलाफ यह केस एटीएस ने अगस्त 2023 में दर्ज किया था और मामले की जांच के बाद अगस्त 2023 में चार्जशीट दाखिल कर दिया था। ट्रायल के दौरान उसके खिलाफ छह गवाह और कई साक्ष्य पेश किए गए, जिसके आधार पर अदालत ने उसे दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।दिनेश गोप करीब दो दशक से झारखंड पुलिस के लिए मोस्ट वांटेड था। पिछले साल मई में उसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गिरफ्तार किया था। उस पर झारखंड पुलिस ने 25 लाख और एनआईए ने पांच लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।झारखंड के अलावा बिहार और ओडिशा में उसके खिलाफ कुल 102 आपराधिक मामले दर्ज हैं। दिनेश गोप पर दर्ज मामले हत्या, अपहरण, धमकी और जबरन वसूली से संबंधित हैं। दिनेश मूल रूप से रांची से 35 किमी दूर खूंटी जिले के जरियागढ़ थाना क्षेत्र में लाप्पा मोहराटोली गांव का रहने वाला है। उसने उग्रवादी संगठन पीएलएफआई 2007 में बनाया था, जो सीपीआई माओवादियों का स्प्लिंटर ग्रुप था। इस संगठन से कई पूर्व माओवादी भी जुड़े थे। हालांकि पुलिस और एनआईए ने इस संगठन के ज्यादातर सदस्यों को या तो पूर्व में ही गिरफ्तार कर लिया था या मार गिराया था।

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