जब सर पर प्रेम का भूत हुआ सवार तब महिला दरोगा प्रेमी संग हुई फरार

दरोगा जी चोरी हो गई अक्सर लोग यही फरियाद लेकर आते हैं थाने में मगर जब एक महिला दरोगा ही गायब हो जाए तो बात कुछ अजीब सी लगती है चर्चा है कि कोर्ट मैरिज करने की थी तैयारी लेकिन समय बताएगा कि कहां तक चलेगी यारी

रिपोर्ट:रोशन लाल

बरेली:बरेली में दूसरे समुदाय के युवक से शादी करने जा रही महिला दरोगा बिना अनुमति के लापता हो गई हैं। सीओ के आदेश कक्ष (ओआर) में भी वह नहीं पहुंचीं तो उनकी गैरहाजिरी दर्ज की गई है। उनके प्रेमी का भी पता नहीं लग रहा है।जानकारी के अनुसार मेरठ के किला परीक्षितगढ़ की मूलनिवासी व सुभाषनगर थाने की महिला दरोगा का बहेड़ी निवासी दूसरे समुदाय के युवक से प्यार इस कदर परवान चढ़ा है कि वह उससे शादी करने जा रही हैं। दरोगा की उम्र 50 वर्ष के करीब तो युवक करीब 30 साल का बताया जा रहा है। ज्यादा चर्चा दोनों के समुदाय को लेकर है।दोनों ने अपने मौजूदा धर्म को कायम रखते हुए कोर्ट मैरिज करने का फैसला किया है और इसके लिए एसडीएम कोर्ट सह विवाह अधिकारी से अनुमति मांगी गई है। शुक्रवार देर शाम से ही महिला दरोगा लापता हैं और उनका मोबाइल भी बंद है। रात में सीओ टू ने सुभाषनगर थाने का ओआर किया।

इन दरोगा के पास करीब दस विवेचना लंबित होने कारिकॉर्ड मिला, पर दरोगा की गैरमौजूदगी में इंस्पेक्टर से जवाब मांगा गया। इंस्पेक्टर ने बिना सूचना के जाना बताया तो मामले में अनुपस्थिति की सूचना दर्ज करा दी गई। एसपी सिटी राहुल भाटी ने बताया कि दरोगा के निजी जीवन से विभाग को कोई मतलब नहीं है। हां, बिना अनुमति लापता होने पर जरूर उनसे स्पष्टीकरण लिया जाएगा।महिला दरोगा सालभर पहले बहेड़ी में एक पुलिस चौकी की इंचार्ज थीं। वहीं के युवक का थाने में आना-जाना था। बताते हैं कि उसकी पुलिसवालों से दोस्ती थी और मुखबिर के तौर पर वह पुलिस की मदद करता था।
बहेड़ी थाने में उसे हाफिजजी के नाम से जाना जाता था। पुलिस को दबिश व निजी कामों के लिए वह टैक्सी मुहैया कराता था। महिला दरोगा से करीबी के बाद उसने टैक्सी चालक के तौर पर उन्हें लाने-ले जाने का काम किया।
महिला दरोगा से नजदीकी बढ़ने पर उसने अपनी कार खरीद ली। उसका लकड़ी का कारोबार भी बताया जाता है। महिला दरोगा का बरेली तबादला होने के बाद ड्राइवर ने भी बांसमंडी में किराये पर कमरा ले लिया। बताया जा रहा है कि दोनों काफी समय से लिव इन में रह रहे हैं।
अगर ए घटना सत्य है तो फिर ए कहावत चरितार्थ होगयी कि ?

प्यार न जाने जात कुजात
नींद न जाने टूटी खाट
भूख न जाने जूठा भात
प्यास न जाने धोबी घाट

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