कर पे कर कर पे कर कर पे कर कब-तक कर भरूं सरकार? क्या पांच किलो रासन पर चलेगा घर और संसार

हिंद एकता टाइम्स भिवंडी

रवि तिवारी
जनहित – काम किया, व्यापार किया, पैसे मिला हांथ में महीने में कर कहां कहां अदा किया जरा सोचिये? गरीब और गरीब हो गया,अमीर और अमीर हो गया। बदले की भावना में जलकर वर्तमान खोती सरकार भविष्य की आस मेें बैठ कर लोगों को क्या बताना चाहती है।
अब कर का लेखा जोखा

पैसा हाथ में आया तो कर भरा,मोबाईल लिया कर भरा ,रिचार्ज किया कर भरा,डेटा लिया कर भरा,बिजली वापरा कर भरा, घर लिया कर भरा, टीव्ही लिया कर भरा, फ्रिज लिया कर भरा, पंखा लिया कर भरा,गाडी़ लिया कर भरा,पेट्रोल लिया कर भरा,गाडी़ सड़क पर चलाया कर भरा,टोल टेक्स का कर भरा, परमिशन लिया कर भरा, गाड़ी चलाने की अनुमति लिया कर भरा,चलाने मे नीयमों का उलंघ किया करभरा, पानी लिया कर भरा, पारकिंग का कर भरा,राशन लिया कर भरा, कपडा लिया कर भरा,दवा लिया कर भरा, शिक्षा के हर उपक्रम पर कर भरा,जनम लिया कर भरा मरने पर कफन लिया लकड़ी लिया कर भरा, जूता लिया कर भरा, सौचालय का भी कर भरा,देवालय का कर भरा,मदिरालय कर भरा, विद्यालय का कर भरा, गैस लिया कर भरा, किसानो के खाद, बीज, भराई ,जुताई, दवांई कटाई,आदि का कर भरा, भोजन पकाया कर भरा,खाना खाया कर भरा, दूध लिया कर भरा, छाछ लिया कर भरा, दही ,पनीर, घी, मिठाई लिया कर भरा, जितनी जीवन उपयोगी समस्त सामाग्री आदि खरीदी किया तो कर भरा, इसके अलावां कहीं फीस के रुपमें कर भरा,कही पर ब्याज के रुप में कर भरा, कहीं दंड के रुप में कर भरा, बैंक में पैसा जमा किया तो कर भरा, निकाला तो कर भरा,पान, बडी़ ,तंबाकू, सुपारी, लिया कर भरा, कर भरा, कर भरा,कर भरा, ✍️✍️ इतनी कर अदायगी के बाद बच्चों के लिये सुंदर विद्यालय नहीं, सुंदर सरकारी अस्पताल नहीं, ग्रामीण इलाकों में सरकारी यातायात की सुविधा नहीं, साफ – सुथरी सड़के नहीं, प्रदूषण से लोग परेशान, दूषित पानी मिलावटी सामाग्री, सोना के भाव आसमान से भी उपर, महगाई बाप रे बाप पूछों मत,आगर सरकार से सवाल करो तो जेल जाओ,नहीं तो देश द्रोही कहलाओ। उसके बाद हमारी दयावान सरकार बडे़ बडे़ पूजी पतियों का कर्ज माफ कर के ,हम सभी को पांच किलो राशन देकर अंगुलियों पर नचा रही है।

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