डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले को रोबिंदर सचदेव व डॉ. धनंजय त्रिपाठी ने बताया सुरक्षा एजेंसियों की विफलता

Robindar Sachdev and Dr. Dhananjay Tripathi called the attack on Donald Trump a failure of security agencies

नई दिल्ली, 14 जुलाई: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर शनिवार को एक चुनावी रैली में जानलेवा हमला हुआ। उन पर गोली चलाई गई, इसमें वो घायल हो गए। उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया। ट्रंप पर हुए इस हमले पर विदेशी मामलों के विशेषज्ञ रोबिंदर सचदेव और डॉ. धनंजय त्रिपाठी की प्रतिक्रिया सामने आई है।

 

रोबिंदर सचदेव ने कहा कि ट्रंप के ऊपर हमला अमेरिका में तीखी बयानबाजी व राजनीतिक विभाजन का गहरा प्रतिबिंब है। दुर्भाग्य से अमेरिका में वामपंथी और दक्षिणपंथी, उदारवादी और रूढ़िवादी बहुत ज्यादा विभाजित हो रहे हैं। यह दर्शाता है कि अमेरिका राजनीतिक उथल-पुथल की ओर बढ़ रहा है। हमला करने वाले व्यक्ति की डोनाल्ड ट्रंप से कोई दुश्मनी हो सकती है, शायद इसलिए उसने ऐसा किया है। हो सकता है कि हमलावर वामपंथी या चरमपंथी हो। इसलिए यह जांच पर निर्भर करेगा। लेकिन यह अमेरिका के लिए अच्छा नहीं है। यह अमेरिका के लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। और दुनिया के लिए भी अच्छा नहीं है, क्योंकि दुनिया अमेरिका को लोकतंत्र के प्रकाश स्तंभ के रूप में देखती है। अमेरिका में ऐसी हिंसा वास्तव में विश्व व्यवस्था के लिए बहुत बड़ा खतरा है।

 

उन्होंने कहा कि भारत के दृष्टिकोण से ट्रंप की हत्या का यह प्रयास दुर्भाग्यपूर्ण है। यह हमारे लिए अच्छी बात नहीं है। हम नहीं चाहते कि अमेरिका जैसा हमारा अच्छा और मजबूत मित्र विभाजित हो। हम अपने मित्रों को हिंसा का शिकार होते नहीं देखना चाहते हैं। अमेरिका में अगर उथल-पुथल होता है, तो यह भारत के लिए अच्छा नहीं है। भारत चाहता है कि अमेरिका एक स्थिर राष्ट्र हो। राजनीतिक हिंसा न हो।

 

डॉ. धनंजय त्रिपाठी ने कहा कि यह अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों की विफलता है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति पर जिस तरह यह हमला हुआ, यह सुरक्षा एजेंसियों की विफलता का गवाह है। इस घटना के बाद अमेरिका पर सवाल भी उठेंगे। दुनिया के सर्वाधिक शक्तिशाली देश के पूर्व राष्ट्रपति पर इस तरीके का हमला कैसे हो सकता है। एक पूर्व राष्ट्रपति पर कातिलाना हमला चिंताजनक है। यह अमेरिकी सरकार की विफलता है। सभी को इस घटना की निंदा करनी चाहिए, क्योंकि लोकतंत्र में यह जायज नहीं है।

Related Articles

Back to top button