फिल्म जगत को लगा बहुत बड़ा झटका जब 72 वर्ष की आयु मे यमराज ने पंकज उधास को पटका

अब नहीं रहे इस दुनियां मे ग़ज़लों के सम्राट पंकज उधास

रिपोर्ट:रोशन लाल

गजल सम्राट पंकज उधास का सोमवार को उपचार के दौरान मुंबई के एक हॉस्पिटल में लम्बी बीमारी के करण निधन हो गयाl
यह जानकारी देते हुए उधास परिवार ने ट्वीट करके कहा कि “बहुत भारी मन से, हम आपको लंबी बीमारी के कारण 26 फरवरी, 2024 को पद्मश्री पंकज उधास के दुखद निधन के बारे में सूचित करते हुए दुखी हैं ।पंकज उधास काफी समय से बीमार थे। उन्हें बीते दिनों मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन सोमवार दोपहर उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई और उन्होंने ने 72 वर्ष की आयु मे अन्तिम सांस ली। उधास के निधन से बॉलीवुड, राजनीतिक क्षेत्र के लोगों सहित आम जनता भी दुखी है।17 मई 1951 को गुजरात के जेतपुर में पैदा हुए पंकज उधास, तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके माता-पिता जितूबेन उधास और केशूभाई उधास तथा उनके बड़े भाई मनहर उधास ने भी हिंदी पार्श्व गायक के रूप में सफलता प्राप्त की थी। पंकज उधास एक गजल सम्राट और पार्श्व गायक थेl जो हिंदी सिनेमा और भारतीय पॉप में काम करते थे। 1980 में उन्होंने ‘आहट’ नामक एक गजल एल्बम से अपने कैरियर की शुरुआत की थी। 1981 में मुकरार, 1982 में तरन्नुम, 1983 में महफ़िल, 1984 में रॉयल अल्बर्ट हॉल में पंकज उधास लाइव, 1985 में नायाब और 1986 में आफरीन में गाने रिकॉर्ड किए। गजल की दुनियां में अपार सफलता के बाद महेश भट्ट ने उन्हें अपनी फिल्म में ब्रेक दिया। फिल्म थी ‘नाम’। फिल्म नाम में गाने और अभिनय करने के लिए उन्हें आमंत्रित किया गया। 1986 की फिल्म नाम में गाई हुई उनकी ग़ज़ल “चिट्ठी आई है…” काफी लोकप्रिय हुई।उन्हें 2006 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गयाl बाद में वह हिंदी फिल्मों में पार्श्वगायन करते थे। उन्हें एक गायक के रूप में दुनिया भर में एल्बम और लाइव कॉन्सर्ट में प्रसिद्धि मिली थी।

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