ऐसा बाराती न देखा अभीतक जिया करे धका धक, जिया करे धका धक
दूल्हा बदलते ही मंडप मे होगया खुराफ़ात,बिना सादी किये ही बैरंग लौटी बारात
रिपोर्ट:रोशन लाल
शादी की रस्म शुरू होते ही महिलाओं ने जब उपरोक्त गीत गाना प्रारम्भ किया कि ऐसा बाराती न देखा अभीतक् जिया करे धका धक जिया करे धका धक इसी बीच पंडित जी ने फूल और अच्छत दूल्हे के हाथ पर रख कर उसे चिड़कने के लिए कहा, किन्तु अच्छत लेने के बाद दूल्हा अपना हाथ उठाने मे असमर्थ रहा जिससे शादी समारोह में विवाद होगया और देर रात पंचायत चली किन्तु वह भी बेनतीजा रही, मगर पुलिस की मध्यस्थता से मामला सुलझ गया।
जानकारी के अनुस्सर आजमगढ़ जनपद के अहरौला थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर गहजी गांव में रविवार रात एक शादी समारोह के दौरान हंगामा हो गया जब कन्या पक्ष ने दूल्हे को दिव्यांग होने का आरोप लगाते हुए शादी से इनकार कर दिया। यह विवाद तब शुरू हुआ जब वर पक्ष की बरात फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के कजराकोल गांव से दीपचंद यादव के परिवार की आई थी।बरात के स्वागत के बाद जैसे ही शादी की रस्में शुरू हुईं, कन्या पक्ष को आशंका हुई कि उन्हें धोखा दिया गया है। जानकारी के अनुसार, शादी तय करते समय कन्या पक्ष को दूसरा लड़का दिखाया गया था, लेकिन जब मंडप में दूल्हा आया तो वह दिव्यांग निकला। बरातियों के द्वार पूजा और स्वागत के दौरान सब कुछ सामान्य लगा, लेकिन जैसे ही पुरोहित ने फूल और अक्षत लेकर दूल्हे का हाथ उठाने को कहा, तो वर पक्ष के लोग ऐसा नहीं कर सके। इस बात से कन्या पक्ष में शक पैदा हुआ और जांच में पता चला कि दूल्हा दिव्यांग है।कन्या पक्ष ने इसे धोखाधड़ी करार देते हुए शादी को रोक दिया और 3 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग की। रात भर दोनों पक्षों के बीच पंचायत चली, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। इससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।सोमवार सुबह इस विवाद की सूचना अहरौला पुलिस को मिली। मौके पर उपनिरीक्षक श्रीप्रकाश मिश्रा और सिपाही राजेश बागी पहुंचे। उन्होंने दोनों पक्षों के साथ लंबी बातचीत की। पुलिस की मध्यस्थता में अंततः विवाद सुलझाने के लिए समझौता किया गया।समझौते के अनुसार वर पक्ष ने कन्या पक्ष को 2.17 लाख रुपये की राशि का भुगतान किया और कन्या पक्ष ने जो जेवर वर पक्ष को सौंपे थे, वे वापस कर दिए। इसके बाद लिखित में समझौता किया गया और वर पक्ष को सकुशल वापस भेज दिया गया।उपनिरीक्षक श्रीप्रकाश मिश्रा ने बताया कि पुलिस ने स्थिति को शांतिपूर्ण बनाए रखते हुए दोनों पक्षों के बीच सहमति से विवाद का समाधान किया। उन्होंने लोगों से अपील की है कि इस तरह के मामलों में जल्दबाजी में निर्णय लेने से बचें और समझदारी से काम लें।यह मामला आजमगढ़ जिले में विवाह में पारदर्शिता और आपसी भरोसे की आवश्यकता पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। सामाजिक दृष्टि से यह भी दिखाता है कि विवाह में दोनों पक्षों के बीच स्पष्टता और संवाद कितना जरूरी है, ताकि इस तरह की धोखाधड़ी या भ्रम की स्थिति न पैदा हो।