धनबाद लोकसभा सीट से भाजपा-कांग्रेस उम्मीदवार के बीच छिड़ा वाकयुद्ध

BJP-Congress candidate from Dhanbad Lok Sabha seat

लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों के नेता भीषण गर्मी में चुनाव प्रचार में जोर शोर से जुटे हैं। इस बीच धनबाद संसदीय क्षेत्र में भी सरगर्मी बढ़ गई है।

 

 

 

 

धनबाद, 11 मई । लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों के नेता भीषण गर्मी में चुनाव प्रचार में जोर शोर से जुटे हैं। इस बीच धनबाद संसदीय क्षेत्र में भी सरगर्मी बढ़ गई है।

 

सभी दलों के नेता अपने-अपने पक्ष में मतदाताओं से वोट की अपील कर रहे हैं। चुनाव मैदान में उतरे उम्मीदवार एक दूसरे पर हमलावर होने लगे हैं।

 

 

 

 

मामला आरोप प्रत्यारोपों से शुरू होकर व्यक्तिगत हमले तक पहुंचने लगा है। धनबाद संसदीय क्षेत्र से कई उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं। लेकिन दिलचस्प मुकाबला भाजपा उम्मीदवार ढुल्लू महतो और कांग्रेस की अनुपमा सिंह के बीच है। लेकिन इनके बीच वाक युद्ध छिड़ा हुआ है।

 

 

 

 

भाजपा उम्मीदवार ढुल्लू महतो ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को आगे बढ़ाने का काम किया है। धनबाद क्षेत्र में जो काम बाकी है, हम उसे तीनों भाई मिलकर करेंगे। हम क्षेत्र की हर समस्या को चुनौती के रूप में लेंगे।

 

 

 

 

उन्होंने कहा कि मैं बाघमारा क्षेत्र से लगातार तीन बार विधायक हूं। एक भी कोई ऐसा व्यक्ति नहीं होगा, जो हम पर कोई आरोप लगा सकता है। मगर मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता पांच साल लगातार समाज के बीच में हर सुख दुख में खड़ा रहता है। उसी का परिणाम है कि लोगों के बीच भाजपा के प्रति विश्वास बढ़ता जा रहा है।

 

 

 

 

इसके अलावा उन्होंने कहा कि हम लोग देश की 140 करोड़ जनता के साथ खड़े हैं। कांग्रेस उम्मीदवार पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि सोने की चम्मच लेकर आने वाला गरीबों की क्या बात करेगा। उनके पिता जी चूड़ी बेचने के लिए आए थे और आज अरबों रुपये कमाए, कहां से कमाए?

 

 

 

 

वहीं कांग्रेस उम्मीदवार अनुपमा सिंह ने ढुल्लू महतो के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हमारे पिता जी चूड़ी बेचने का काम करते थे। वो क्या करते थे क्या नहीं करते थे, ये किसी को बताने की जरूरत नहीं है। चूड़ी बेचना कोई गंदा काम नहीं है। कोई भी काम छोटा बड़ा नहीं होता। इंसान नीचे से ही ऊपर उठता है।

 

उन्होंने कहा, उनके पास कोई मुद्दा नहीं रह गया है। इसलिए ये सोच रहे हैं कि इस प्रत्याशी के बारे में क्या बोलूं। इस कारण वे तरह-तरह की बाते कर रहे हैं।

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