मनमाने बिजली कटौती से परेशान है नगर ससहित ग्रामीण परेशान  

 

 

रिपोर्टर संजय सिंह

रसड़ा (बलिया) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के फरमान का आदेश निर्देश को धज्जिया उड़ा रहा है बिजली विभाग के जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी जबकि नगर में 20 घंटे व ग्रामीण क्षेत्र में 18घंटे तथा जिला स्तर पस् 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जाने के आदेश देने के बावजूद मनमाने तरीके से बिजली की कटौती कर महज 10 से 12 घंटे ही बिजली की सप्लाई दी जा रही है जिससे बिजली उपभोक्ताओ में आक्रोश है बताते है कि नगर में सत्यम गौड़ नामक जे ई जबसे रसड़ा में पोस्टिंग हुआ है तबसे बिजली की आपूर्ति का कोई निर्धारित समय नही है यह की नगर मेंं जर्जर तारो को बदलकर केबिल लगाने के बावजूद भी सप्लाई हमेशा बाधित रहती है, कटती रहती है हर 10 से 20 25 पर ट्रिप कर जाती है या फाल्ट कर जाती है और घंटो बाद आती है और हलात यह कि बा मुश्किल से अगर आधा घंटा बिजली रह गई तो इस वरसात के भीषण गर्मी वरसाती उमस भरी गर्मी कुछ समय राहत मिलती है तो लोग धन्यवाद देते है।बताते है कुछ चाटुकार सोशल मिडिया से जुड़े तथाकथित कहे जाने वाले पत्रकार पावर हाउस में कुलर एसी लगने का समाचार प्रकाशित की मशीने ठंड रहेगी ट्रिप नही करेगा केबिल बिछ जाने से फाल्ट नही होगा का समाचार सोशल मिडिया में बायरल कर देने से रसड़ा बिजली विभाग के अधिकारी व कर्मचारी यह समझते कि जब लोग बायरल समाचार पढ कर संतुष्ट है की बिजली नही कटेगी जिसे बिजली घंटो गायब रहती है। कोई बोलने वाला नही होता है जिससे बिजली विभाग के ये कर्मी उसका लाभ लेने से परहेज नही करते। नगर में इस समय वरसात का मौसम का बहाना है घंटो बिजली कटने का सिलसिला जारी है। हालात यह कि बिजली कटने की शिकायत लीगल कनेक्शन धारी बिल भरते है लेकिन यह नही पूछते है कि बिजली नगर में कितना देने का आदेश निर्देश है। तो अन्न लीगल कनेक्शन धारी की क्या पड़ी है क्योंकि वह चोरी का बिजली जलाते है चोरी से आठ से दस एसी चलाते है और मिली भगत कर डेढ़ से दो हजार रूपये भर कर एसी का आनन्द लेते है और परेशान व होते है जो अधिक बिल आने पर साधारण सीधा साधा उपभोक्ता जिसके घर में कुलर फ्रीज तक नही केवल एल इडी बल्ब व पंखा चलाता है अधिक इन बेइमानी जे ई व कर्मचारी के चलते 2200 से 30 से अधिक बिजली का बिल का भुगतान करता है। इस संबंध में लोगो ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर बिजली नगर में रोस्टर के अनुसार नही आपूर्ति की जाती है ब व बिजली बिल सही नही दी जाती है तो आन्दोलन के लिए बाध्य होगे और शारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

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