दरोगा पन्नेलाल को कस्टडी रिमांड पर लेने की तैयारी में पुलिस
रिपोर्टर अजीत कुमार सिंह बिट्टू जी ब्यूरो चीफ हिंद एकता
बलिया। वाराणसी की जिला जेल में बंद निलंबित दरोगा पन्नेलाल को पुलिस अदालत की अनुमति से कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की तैयारी में है। भरौली तिराहा पर ट्रकों से होने वाली अवैध वसूली के पैसे वह किस-किसको देता था, इस बात का पता पुलिस पूछताछ कर लगाएगी। इसके अलावा अवैध वसूली के इस खेल में पन्नेलाल को संरक्षण देने वाले लोग कौन थे, यह भी पूछताछ कर पता लगाया जाएगा। इसके लिए जल्द ही मुकदमे के विवेचक की ओर से अदालत में अर्जी देकर पन्नेलाल को कस्टडी रिमांड पर देने का अनुरोध किया जाएगा।
एडीजी जोन पीयूष मोर्डिया और डीआईजी रेंज आजमगढ़ वैभव कृष्ण ने गत 24 जुलाई की रात नरही थाना क्षेत्र के भरौली तिराहा पर छापा मार कर बिहार से आने वाले ट्रकों से अवैध वसूली के खेल का भंडाफोड़ किया था। प्रकरण में तत्कालीन नरही थानाध्यक्ष पन्नेलाल सहित चार पुलिस कर्मी और 16 दलाल गिरफ्तार किए जा चुके हैं। सभी के खिलाफ नरही थाने में लूट, डकैती और भ्रष्टाचार सहित अन्य गंभीर आरोपों में पुलिस की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया है। 29 जुलाई को पन्नेलाल को वाराणसी की अदालत में पेश कर चौकाघाट स्थित जिला जेल में दाखिल किया गया। पुलिस अफसरों के अनुसार, पन्नेलाल से मालवाहकों से अवैध वसूली के संबंध में विस्तार से पूछताछ नहीं हो पाई है। अवैध वसूली का यह गंदा खेल वह कबसे किसके संरक्षण में चला रहा था। भ्रष्टाचार की काली कमाई से उसने कहां-कहां संपत्ति बनाई है। अवैध वसूली में उसके साथी पुलिस कर्मियों की क्या भूमिका रहती थी। यह सभी बातें तभी विस्तार से सामने आ पाएंगी, जब पन्नेलाल से विस्तृत पूछताछ होगी। इसके साथ ही इस मामले में गिरफ्तार अन्य पुलिस कर्मियों और पन्नेलाल का आमना-सामना भी कराया जाएगा। पूछताछ की प्रक्रिया पूरी होने के बाद साक्ष्य और तथ्यों के आधार पर विवेचना पूरी होगी। वहीं, इस पूरे मामले पर शासन स्तर से नजर होने के कारण पुलिस मुकदमे की विवेचना जल्द पूरी कर आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल करेगी।
पेट की पुरानी चोट बताया, रहना पड़ा बैरक में ही
वाराणसी की जिला जेल में दाखिल किए जाने के बाद निलंबित दरोगा पन्नेलाल ने दुर्घटना में पेट पर लगी पुरानी चोट का हवाला दिया। उसका प्रयास था कि वह बैरक में न जाकर सीधे जेल अस्पताल में चला जाए। हालांकि जेल प्रशासन ने डॉक्टरों के परामर्श के बाद पन्नेलाल को बैरक नंबर 10 में ही रहने को कहा। उसे कहा गया है कि स्वास्थ्य संबंधी कोई दिक्कत हो तो वह तत्काल बताए। जेल मैन्युअल के अनुसार उसे बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
पन्नेलाल के रसोइया से हुई पूछताछ, कई अन्य हिरासत में
नरहीं। बाॅर्डर पर वसूली कांड की जांच कर रही टीम ने निलंबित और गिरफ्तार थाना प्रभारी पन्नेलाल के रसोइया को उनके गांव कोठियां सेन्दुरिया से हिरासत में लिया। घंटों पूछताछ के बाद सुनील को छोड़ दिया गया। वर्षों से जो भी थानाध्यक्ष रहता है सुनील उसके आवास पर भोजन बनाने के साथ और अन्य कार्य करता है।
सोमवार की रात में बड़का खेत पलिया खास से पांच लोगों को टीम ने उठाया है। इसके पहले भी एक शराब कारोबारी को टीम ने उठाया था। रात की घटना ने शराब और गो तस्करों तथा अवैध खनन करने वालों में हड़कंप मचा है। वहीं, नरही थाने और कोरंटाडीह पुलिस चौकी पर प्रभारी की तैनाती नहीं होने से फरियोदियों को दिक्कत हो रही है। हालांकि कार्रवाई से सारे अवैध काम बंद हो गए हैं। पहले भरौली गोलम्बर गाजीपुर बलिया मार्ग ट्रकों की लम्बी लाइन लगने से जाम से जूझना पड़ता था आज सड़कें सूनी पड़ गई है।
14 सिपाहियों की हुई तैनाती
नरहीं। वसूली कांड के बाद अधिकारियों के साथ ही काफी संख्या पुलिसकर्मियों के निलंबित होने से खाली चल रहे नरही थाने पर पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने 14 कांस्टेबल का तबादला किया है। पुलिस लाइन से नरही थाने पर आने वाले सिपाहियों में सौरभ कुमार, अर्जुन प्रजापति, रविन्द्र वर्मा, अशोक पाण्डेय, गनपत राम अशोक गिरीं, निर्भय सिंह, संदीप कुमार गौतम, हरवंश सिंह, अरुण कुमार सिंह, आशीष कुमार,अजय भारती, देवेन्द्र सरोज, राजविंद मिश्र शामिल हैं।
थानाध्यक्ष और चौकी प्रभारी की कुर्सी खाली
बलिया। यूपी बिहार के बॉर्डर स्थित भरौली गोलंबर पर 24 जुलाई की रात एडीजी वाराणसी पीयूष मोर्डिया एवं डीआईजी आजमगढ़ वैभव कृष्ण की ओर से संयुक्त रूप से छापेमारी कर अवैध वसूली का भंडाफोड़ किया था। इसमें सीओ सदर शुभसूचित, नरही थानाध्यक्ष पन्नेलाल पटेल एवं कोरंटाडीह चौकी इंचार्ज राजेश प्रभाकर को निलंबित कर दिया था। अभी तक नरही थानाध्यक्ष की कुर्सी खाली चल रही है।
शराब की बिक्री में गिरावट, ट्रकों की संख्या न के बराबर
नरहीं। आजमगढ़ के सहायक पुलिस अधीक्षक शुभम् अग्रवाल ने दलायों, शराब-गो तस्करों अवैध खनन करने वालों को चिह्नित करना शुरू किया तो सैकड़ों लोग भूमिगत हो गए हैं। भूमिगत लोगों की जानकारी कोई परिचित भी लेना चाहते हैं तो परिजन यही बता रहे हैं कि बाबा धाम गए हैं। सब जानते हैं कि पुलिस के डर से गायब है। घटना के बाद से ही भरौली, लक्ष्मणपुर, नरही में सरकारी शराब की दुकानों पर शराब की बिक्री में भारी गिरावट आई है। इसकी वजह बिहार को होने वाली शराब तस्करी पर रोक है। उधर कार्रवाई और बिहार में खनन बंद होने ट्रकों की संख्या में काफी कमी आई है।