दवाइयों के परीक्षण के लिए वेसल-चिप टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं भारतीय मूल के शोधकर्ता

Researchers of Indian origin are working on vessel-chip technology for drug testing

न्यूयॉर्क, 1 जून : अमेरिका के टेक्सास ए एंड एम विश्वविद्यालय में बायोमेडिकल इंजीनियरिंग विभाग के भारतीय मूल के शोधकर्ता डॉ. अभिषेक जैन और उनकी टीम व्यक्तिगत दवा परीक्षण के लिए एक वेसल-चिप टेक्नोलॉजी विकसित करने पर काम कर रही है।

 

 

जैन की प्रयोगशाला मेें डॉ. तन्मय माथुर भी शामिल हैं। इसे बड़े पैमाने पर दवा परीक्षण के लिए उन्नत वेसल चिप टेक्नोलॉजी का विकास जारी रखने के लिए टेक्सास ए एंड एम इनोवेशन से अनुदान प्राप्त हुआ।

 

 

 

 

 

शोधकर्ता के अनुसार इस प्रणाली से आप वीनस, वैस्कुलर और हेमेटोलॉजिकल डिजीज के बारे में तुरंत नैदानिक ​​परीक्षण शुरू कर सकते हैं और जान सकते हैं कि मानव पर इसका क्या परिणाम हो सकता है।

 

 

 

 

 

 

उन्होंने विश्वविद्यालय के एक बयान में कहा, “आप अपने नैदानिक ​​परीक्षणों को बेहतर बना सकते हैं या नैदानिक ​​परीक्षणों की अवधि को कम करके उन्हें और अधिक कुशल बना सकते हैं।”

 

जैन और उनकी प्रयोगशाला ने अपने शोध प्रयासों को रक्त और लसीका वेसल-चिप बनाने पर केंद्रित किया है।

 

 

 

 

 

वेसल-चिप एक टिशू -इंजीनियर्ड माइक्रोफ्लुइडिक डिवाइस है, जो व्यक्तिगत दवा परीक्षण की पेशकश कर सकती है। वेसल-चिप में सूक्ष्म कक्ष होते हैं, जिनमें वैस्कुलर सिस्‍टम होता है, जो मानव परिसंचरण प्रणालियों की नकल करती है। इसके साथ यह प्रीक्लिनिकल दवा खोज के लिए एक मंच प्रदान करते हैं।

 

उनके काम की परिणति उनके वर्तमान और पिछले प्रशिक्षुओं के साथ एक स्टार्टअप कंपनी की स्थापना में हुई।

 

 

 

 

जैन ने कहा, ”टीआईएफ द्वारा दी गई गति ने उन्हें स्टार्टअप को सफल बनाने में मदद करने के लिए पूर्व स्नातक छात्र डॉ. तन्मय माथुर को नियुक्त करने में सक्षम बनाया।”

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