कांग्रेस के पूर्व विधायक एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व राष्ट्रीय सचिव डॉ भोलानाथ पांडे का निधन
अंतिम संस्कार वाराणसी हरिशचंद्र घाट पर किया गया प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि बलिया एवं उत्तर प्रदेश से ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक अपूर्ण छाती बताया
रिपोर्टर अजीत कुमार सिंह बिट्टू जी ब्यूरो चीफ हिंद एकता टाइम्स
बलिया : अखिल भारतीय कांग्रेस के पूर्व महासचिव, बैरिया विधानसभा क्षेत्र( द्वाबा) के पूर्व विधायक एवं कांग्रेस के कद्दावर नेता डॉ भोलानाथ पांडे का लंबी बीमारी के बाद 73 वर्ष की अवस्था में उनके गोमती नगर लखनऊ स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। डॉक्टर पांडे लंबे अरसे से बीमार चल रहे थे। डॉ भोला पांडे के निधन से उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद और सलेमपुर संसदीय क्षेत्र, बैरिया विधानसभा क्षेत्र और उनके पैतृक गांव मुनिछपरा में शोक की लहर दौड़ गई। डॉ भोलानाथ पांडे बाबा विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रहे।पहली बार सन 1980 लेकर 1985 तक तथा दूसरी बार 1989 से लेकर1991 तक विधायक रहे।बाद में डॉ भोलानाथ पांडे सलेमपुर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर लगातार तीन बार लोकसभा का चुनाव लड़े। लेकिन निराशा हाथ लगी। भोला पांडे अपनी लंबी कद काठी, एवं ओजस्वी वक्ता के रूप में जाने जाते थे।पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बाद बलिया में उनके विकल्प के रूप में डॉ भोलानाथ पांडे को ही लोग याद करते थे। भोला पांडे की दो शादियां हुई थी। जिसमें पहली पत्नी का नाम इंदु पांडे और दूसरी पत्नी का नाम स्व सुमन लता पांडे था। पहली पत्नी श्रीमती इंदु पांडे से एक पुत्र अभिषेक पांडे और दो पुत्रियां गुड़िया एवं गुड्डी तथा दूसरी पत्नी से तीन पुत्र ही पैदा हुए। दुखद बात यह है कि दूसरी पत्नी से पैदा हुए तीन पुत्रों में दो पुत्रों का निधन हो चुका है।सबसे छोटे पुत्र कांग्रेस नेता शुभ पांडे बैरिया विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर दावेदारी कर रहे हैं।
डॉ भोलानाथ पांडे का जीवन कई मामलों में संघर्ष पूर्ण रहा।डॉ भोलानाथ पांडे के जीवन से जुड़े एक संघर्ष पूर्ण रहस्य व हास्य घटना आज भी इतिहास के पन्नों में दर्ज है।
बात सन् 1978 की है।जब भारत के पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जेल में बंद थी।इंदिरा गांधी को जेल से छुड़ाने के लिए भोला पांडे और उनके साथी देवेंद्र पांडे दोनों ने मिलकर लखनऊ से दिल्ली के लिए जा रही इंडियन एयरलाइंस के विमान को बच्चों वाला खिलौने दिखाकर हाईजैक कर लिया । भोला पांडे और देवेंद्र पांडे ने बच्चों के खिलौने वाली बंदूक और क्रिकेट खेलने के कार्क के बाल को पायलट को दिखाया।जिससे 132 यात्रियों से भरी विमान के पायलट ने डर के मारे वाराणसी हवाई अड्डे पर हवाई जहाज उतारना दिया। भोलानाथ पांडे और उनके साथी देवेंद्र पांडे ने 132 यात्रियों को सुरक्षित रिहा करने के लिए अपनी तीन शर्त रखी।
1.इंदिरा गांधी को रिहा किया जाए।
2. इंदिरा गांधी और संजय गांधी पर लगे सभी आरोप वापस लिए जाएं। 3. इंदिरा गांधी को गिरफ्तार करने वाली केंद्र की जनता पार्टी सरकार अपना इस्तीफा दे।
अंतत सरकार को विवश होकर इंदिरा गांधी को छोड़ना पड़ा।
वहीं से भोला पांडे के राजनीतिक जीवन में एक उछाल आया।देखते ही देखते कांग्रेस की सरकार बन गई और इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बन गई। इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री बनते ही भोला पांडे को बलिया जनपद के द्वाबा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस का टिकट मिला और वह विधायक बन गए।जब तक कांग्रेस की सरकार रही तब तक भोलानाथ पांडे इंदिरा गांधी के एक पारिवारिक सदस्य के रूप में जाने जाते थे। किसी को कांग्रेस का टिकट मिले या ना मिले लेकिन सलेमपुर संसदीय क्षेत्र से उनका टिकट मिलना हमेशा तय होता था।कहना गलत नहीं होगा कि भोला पांडे के निधन से बलिया जनपद ही नहीं पूरे देश और प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई।भोला पांडे अपने तीन भाइयों में सबसे बड़े थे।उनके दूसरे भाई का नाम बृज बिहारी पांडे तथा सबसे छोटे भाई का नाम कुंज बिहारी पांडे उर्फ राजू है। डॉक्टर पांडे के बड़े पुत्र अभिषेक पांडे अनु ने हरिशचंद्र घाट पर अपने स्वर्गीय पिता को मुखन दी जहां डॉक्टर पांडे के पूरे रिश्तेदार उनके शुभचिंतकों का हजारों की संख्या में भीड़ इकट्ठा हो गई थी स्वर्गीय डॉक्टर पांडे को नमन करने के लिए