बलूचिस्तान में तीन अलग-अलग आतंकी हमलों में 34 की मौत

34 killed in three separate terrorist attacks in Balochistan

क्वेटा: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सोमवार को एक बड़ा आतंकी हमला हुआ। क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में हुए आतंकी हमलों में कम से कम 34 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। इस तरह 26 अगस्त साल के सबसे खूनी दिनों में से एक बन गया।बलूचिस्तान की प्रांतीय राजधानी क्वेटा से पंजाब के फैसलाबाद जा रही एक स्थानीय परिवहन सेवा की बस पर सोमवार तड़के मुसाखाइल जिले के रारह शाम इलाके के पास 25 से 30 आतंकवादियों ने घात लगाकर हमला कर दिया।सामने आई जानकारी के मुताबिक उग्रवादियों ने सड़क पर अवरोध पैदा कर दिया, जिससे बस को अन्य वाहनों के साथ रुकना पड़ा।मुसाखाइल के पुलिस प्रमुख अयूब अचकजई ने पुष्टि की कि बस में सवार 23 लोगों को उनकी पहचान की जांच करने और यह पुष्टि करने के बाद कि वे पंजाब प्रांत के हैं, उन्हें अलग ले जाया गया। फिर उन्हें गोली मार दी गई। आतंकवादियों ने घटनास्थल से भागने से पहले कम से कम 10 अन्य वाहनों को आग लगा दी।बलूचिस्तान पुलिस और लेवी कर्मियों को निशाना बनाकर किए गए एक अन्य आतंकवादी हमले में, कलात में एक बंदूक हमले में कम से कम 10 लोग मारे गए। मरने वालों में एक सब-इंस्पेक्टर समेत पांच सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं।इस घटना में भी हमलावर घटना स्थल से भागने में सफल रहे। शनिवार देर रात कलात राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुलिस और हमलावरों के बीच जबरदस्त गोलीबारी हुई।कुछ ही समय के भीतर हुए तीसरे हमले में बलूचिस्तान के बोलान क्षेत्र में एक विस्फोट हुआ, जिसमें एक रेलवे पुल नष्ट हो गया और एक व्यक्ति की मौत हो गई।पाकिस्तान रेलवे के अधिकारियों ने पुष्टि की कि पुल के नष्ट होने के कारण कराची और रावलपिंडी से क्वेटा और देश के अन्य हिस्सों तक ट्रेनों की आवाजाही निलंबित कर दी गई है।बलूचिस्तान प्रांत में हुए हमलों ने पाकिस्तानी सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है, हालांकि सरकार ने 12 आतंकवादियों को मार गिराने का दावा किया है।विश्लेषकों का कहना है कि बलूचिस्तान में अलगाववादी समूहों को खासकर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के साथ गठबंधन के बाद ताकत मिली है। पाकिस्तानी सरकार इन समूहों को अफगान तालिबान से मिल रहे समर्थन की नजर से देख रही है और काबुल से अपनी धरती से संचालित पाकिस्तान विरोधी समूहों का समर्थन बंद करने का आग्रह किया है।बलूचिस्तान प्रांत पाकिस्तान के सुरक्षा बलों के लिए सबसे जटिल और कठिन चुनौती बन गया है। बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और अन्य अलगाववादी समूह पूरे प्रांत में अपनी मजबूत उपस्थिति दिखाने में सक्षम हैं, न केवल सुरक्षा बलों के खिलाफ बल्कि अन्य प्रांतों, विशेषकर पंजाब के लोगों के खिलाफ घातक हमलों को भी अंजाम दे रहे हैं।

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