कश्मीरी युवती नाहिदा ने दिखाया- पंखों से नहीं, हौसलों से होती है उड़ान
Kashmiri young woman Nahidah showed that flight is not by wings, but by courage
पंपोर (कश्मीर), 2 जून: पंखों से नहीं हौसलों से उड़ान होती है। इसेे सच साबित कर दिखाया है कश्मीरी युवती नाहिदा मंजूर ने। पहले दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर चढ़ाई कर और अब कश्मीर के पंपोर जिले में स्थित बारसू में पैराक्लाइम्बिंग की शुरुआत कर।
नाहिदा ने अपनी उपलब्धि के बारे में बताते हुए कहा कि यहां तक पहुंचना आसान नहीं था। उसे हर कदम पर संघर्ष का सामना करना पड़ा, लेकिन वह अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रही और तमाम बाधाओं के बावजूद वह बारसू की पहाड़ियों पर पैराक्लाइम्बिंग की शुरुआत कर सकी।
गौरतलब है कि पैराक्लाइम्बिंग एक एडवेंचर एक्टिविटी है। कश्मीर समेत देश के अनेेक स्थानों पर इसका आयोजन किया जाता है।
नाहिदा ने बताया कि वह इसे बारसू में शुरू करना चाहती थी। इससे यहां पर्यटकों का आगमन होगा और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। नाहिदा ने कहा कि इसे यहां शुरू करने के लिए उसेे हर कदम पर संघर्ष का सामना करना पड़ा। इसकी मंजूरी लेने के लिए उसे महीनों प्रशासनिक अधिकारियोें के दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़े। आखिरकार उसे मंजूरी मिली।
नाहिदा ने बताया कि बारसू थोड़ा रिमोट एरिया मेें है। यहां पर्यटकों का आगमन नहीं होता था। लेकिन अब पैराक्लाइम्बिंग की शुरुआत होने से यह इलाका भी पर्यटकों को आकर्षित कर सकेगा। पर्यटकों के आने से यहां जहां स्थानीय युवक-युवतियों को रोजागार मिलेगा, वहीं इलाके में आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी। इससे इस क्षेेत्र में भी विकास की किरण पहुंचेगी।
नाहिदा ने कश्मीर की लड़कियों के माता-पिता को संदेश दिया कि वे अपने बच्चों को उनकी इच्छा के अनुुुुसार आगे बढ़ने का मौका प्रदान करें, जिससे वे अपने सपनों को उड़ाने दे सकें और अपने माता-पिता के साथ कश्मीर का नाम भी रोशन कर सकें।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले सन 2021 में नाहिदा ने एवरेस्ट की चढ़ाई की थी। 42 दिनों की चढ़ाई के बाद नाहिदा ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी को फतह किया था। इसके पहले वह कश्मीर में स्थित 3966 मीटर ऊंची महादेव चोटी पर भी पहुंचकर अपनी प्रतिभा और अपने जज्बे की मिसाल पेश की थी।