राष्ट्रीय गोकुल मिशन : प्रचार-प्रसार के अभाव में दम तोड़ रही योजना
नगर पंचायत सहित विभिन्न गांव में आवारा पशु सड़कों पर घूमते नजर आ रहे हैं
रिपोर्टर अजीत कुमार सिंह बिट्टू जी ब्यूरो चीफ हिंद एकता टाइम्स
बैरिया, बलिया : सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना पर्याप्त प्रचार-प्रसार के अभाव में धरातल पर दम तोड़ रही है। नगर हो या गांव पशु छुटा सड़कों पर घूम रहे हैं। बाजारों में सड़कों पर पशु अपना डेरा जमाए हुए हैं। वही गांव में खेतों में घुसकर फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। अधिकारी कागजों में छुट्टा पशुओं को पकड़ने का अभियान चला रहे हैं। मुख्य सचिव पशुपालन ने समस्त जिलाधिकारियों को पत्र भेजा था कि अभियान चलाकर सभी छूटा गोवंशो को गौ आश्रय स्थलों तक पहुंचाने का आदेश दिया था। जबकि आलम यह है कि किसान पकड़कर गोवंशो को गौ आश्रय केंद्रों पर जाते हैं तो उन्हें यह कहकर लौटा दिया जाता है, कि गौ आश्रय केंद्र में अब जगह नहीं है।
वहीं जिलाधिकारी हर सप्ताह इस संदर्भ में बैठक करके प्रगति रिपोर्ट भी तलब किये। जिला अधिकारियों को मुख्य सचिव ने निर्देशित किया था कि किसी भी हाल में सड़कों पर व खेतों में छुट्टा गोवंश दिखाई देते हैं तो पशुपालन विभाग के संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें। प्रमुख सचिव का यह आदेश मात्र आदेश बन कर रह गया। वहीं क्षेत्र के भगवानपुर स्थित गौ आश्रय केंद्र में 145 गोवंश फिलहाल मौजूद हैं।उनके लिए पर्याप्त चारा या रहने की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में दिन भर गोवंश गर्मी में कैम्पस मे भटकते रहते हैं। वही गौ आश्रय केंद्र के मुख्य द्वार पर हमेशा ताला बंद रहता है। कर्मचारी नदारद रहते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पशु चिकित्सक या पशु चिकित्सा कर्मी कभी भी इस गौ आश्रय केंद्र पर झांकने भी नहीं आते हैं। इस संदर्भ में जानकारी प्राप्त करने के लिए पशु चिकित्साधिकारी मुरलीI छपरा से संपर्क साधने का प्रयास किया गया तो उनका मोबाइल बंद था।
संबंधित मातहतों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे क्षेत्रों में भ्रमण कर निराश्रित गोवंशों को आश्रय केंद्रों तक पहुंचाएं।नगर के लिए अधिशासी अधिकारी और ग्राम पचांयतों के लिए खंड विकास अधिकारियों को भी कई पत्र जारी किया गया है। शिकायत मिलने पर कार्रवाई भी हो सकती है। सुनिल कुमार, उप जिलाधिकारी बैरिया