भतीजे पर मायावती की कार्रवाई को लेकर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, परिवारवादी पार्टियां इनसे कुछ सीखें
On Mayawati's action against her nephew, Acharya Pramod Krishnam said, "Family parties should learn something from them."
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को अपने उत्तराधिकारी और राष्ट्रीय समन्वयक की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया। आकाश आनंद को पद से हटाए जाने के फैसले पर अलग-अलग पार्टी की प्रतिक्रिया सामने आ रही है।
नई दिल्ली, 8 मई । बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को अपने उत्तराधिकारी और राष्ट्रीय समन्वयक की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया। आकाश आनंद को पद से हटाए जाने के फैसले पर अलग-अलग पार्टी की प्रतिक्रिया सामने आ रही है।
इसी क्रम में पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने मायावती के इस फैसले पर बयान दिया है। उन्होंने बसपा सुप्रीमो द्वारा भतीजे आकाश पर की कार्रवाई को लेकर परिवारवादी पार्टी को नसीहत दे डाली। साथ ही विपक्षी दलों को उनसे सीखने की बात कही।
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर लिखा, ”परिवारवादी “पार्टियों” को बहन जी से सीखना चाहिए और “इम्मेच्योर” लड़कों को हटा कर “मेच्योर ” नेताओं को अपना “नेतृत्व” सौंपना चाहिए।”
दरअसल, आकाश आनंद से सीतापुर में एक रैली को संबोधित करते हुए भाजपा सरकार को आतंकवादियों की सरकार और जूते मारने की बात कही थी। इस विवादित बयान के बाद आकाश आनंद और तीन प्रत्याशियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बाद मायावती ने पहले भतीजे की रैलियों पर रोक लगा दी।
बाद में मायावती ने मंगलवार को आकाश आनंद को अपने उत्तराधिकारी और नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद से हटा दिया।
मायावती ने एक्स पर लिखा, ”विदित है कि बीएसपी एक पार्टी के साथ ही बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान तथा सामाजिक परिवर्तन का भी मूवमेन्ट है जिसके लिए कांशीराम व मैंने खुद भी अपनी पूरी ज़िन्दगी समर्पित की है और इसे गति देने के लिए नई पीढ़ी को भी तैयार किया जा रहा है। इसी क्रम में पार्टी में, अन्य लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही आकाश आनन्द को नेशनल कोऑर्डिनेटर व अपना उत्तराधिकारी घोषित किया, किन्तु पार्टी व मूवमेंट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है। जबकि इनके पिता आनंद कुमार पार्टी व मूवमेन्ट में अपनी जिम्मेदारी पहले की तरह ही निभाते रहेंगें। अतः बीएसपी का नेतृत्व पार्टी व मूवमेन्ट के हित में एवं बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के कारवां को आगे बढ़ाने में हर प्रकार का त्याग व कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटने वाला है।”