आजमगढ़:तरवां थाने में दलित युवक की मौत के बाद किसान नेताओं ने पीड़ित परिजनों से किया मुलाकात
After the death of a Dalit youth in Tarwan police station, farmer leaders met the victim's family
रिपोर्ट: रोशन लाल
आजमगढ़ दलित युवक सनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद उमरी पट्टी में परिजनों से किसान और मानवाधिकार संगठनों ने मुलाकात की. मानवाधिकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधि मंडल में किसान नेता राजीव यादव, डाक्टर शिवकुमार, अधिवक्ता विनोद यादव, भीम आर्मी सगड़ी अध्यक्ष सोनू आर्या, अवधेश यादव, राजशेखर, समाजसेवी आकाश यादव, हीरालाल यादव और प्रकाश शामिल रहे. नेताओं ने मांग की कि घटना की उच्च स्तरीय जांच करते हुए पीड़ित परिवार के साथ न्याय किया जाए.
प्रतिनिधिमंडल से सनी की मां कुसुम देवी ने कहा कि बेटे की रात में ही मौत हो चुकी थी, रात में ही लाश को थाने से भेज दिया गया था. सनी की चाची सुनीता देवी ने नाड़े से फांसी लगाने के पुलिस के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि जींस पहना था न कि लोअर. मेरे बच्चे को जींस में ले गए और लोअर में ले आए. परिजनों का आरोप है कि सनी की हत्या कर मामले को छुपाने के लिए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. सनी के पिता हरिकांत ने दोषी पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी की मांग की.
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि हिरासत में मृत्यु के बाद परिजनों को सूचित किए बगैर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजना परिजनों के हत्या के आरोप को पुख्ता करता है. यह मानवाधिकार हनन का गंभीर मुद्दा है. पुलिस की तत्परता अपराध को छुपाती हुई प्रतीत होती है. तरवां थाने के पूरे स्टाफ पर कार्रवाई की मांग कर रहे लोगों पर लाठी चार्ज और पुलिस द्वारा पत्थरबाजी ने तनाव को भड़का दिया. दोषी पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार करते हुए घटना की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए. मृतक इकलौता बेटा था. सनी की दोनों बहनों की शिक्षा और सरकारी नौकरी की गारंटी की जाए. मृतक के परिजनों को एक करोड़ रुपया मुआवजा दिया जाए.