सपा प्रतिनिधि मंडल को संभाल जाने से रोका,अखिलेश यादव ने कहा, ‘यह शासन प्रशासन की नाकामी है’
SP delegation was stopped from reaching Sambhal, Akhilesh Yadav said 'This is the failure of the administration'
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के संभल दौरे से पहले लखनऊ में विधायक माता प्रसाद पांडे के घर के बाहर भारी पुलिस सुरक्षा तैनात की गई है। इस बीच सपा अध्यक्ष और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक्स पोस्ट पर अपनी नाराजगी जाहिर की है।अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “प्रतिबंध लगाना भाजपा सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन की नाकामी है। ऐसा प्रतिबंध अगर सरकार उन पर पहले ही लगा देती, जिन्होंने दंगा-फसाद करवाने का सपना देखा और उन्मादी नारे लगवाए तो संभल में सौहार्द-शांति का वातावरण नहीं बिगड़ता। भाजपा जैसे पूरी की पूरी कैबिनेट एक साथ बदल देते हैं, वैसे ही संभल में ऊपर से लेकर नीचे तक का पूरा प्रशासनिक मंडल निलंबित करके उन पर साजिशन लापरवाही का आरोप लगाते हुए सच्ची कार्रवाई करके बर्खास्त भी करना चाहिए और किसी की जान लेने का मुकदमा भी चलना चाहिए। भाजपा हार चुकी है।”,दूसरी ओर, प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे माता प्रसाद पांडे ने कहा कि उनके पास संभल डीएम का फोन आया है। उन्होंने दस तारीख तक संभल नहीं आने को कहा गया है। ऐसे में हम आगे की रणनीति तय करेंगे। हमें कहीं भी जाने की आजादी है और यह हमारा मौलिक अधिकार है। सरकार संविधान पर भरोसा नहीं करती इसलिए वो इस तरह का कदम उठा रही है। सरकार सच्चाई के उजागर होने के डर से हमें जाने से रोक रही है।वहीं समाजवादी पार्टी ने एक्स पोस्ट पर लिखा, “सपा प्रतिनिधिमंडल से डरी योगी सरकार। सत्ता के इशारे पर पुलिस ने प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल जी को संभल जाने से रोका, घर में किया नजरबंद। संविधान और लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा रही भाजपा सरकार। घोर निंदनीय।”,संभल हिंसा मामले में माता प्रसाद पांडे की अगुवाई में 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया गया था।समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के निर्देश पर 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शनिवार को संभल दौरा करना था। प्रतिनिधिमंडल का काम घटना के बारे में विस्तृत जानकारी जुटाना था। एक रिपोर्ट तैयार कर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंपनी थी।इस प्रतिनिधिमंडल में माता प्रसाद पांडे के अलावा विधान परिषद के नेता लाल बिहारी यादव, प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल समेत अन्य विधायक और एमएलसी समेत प्रमुख पदाधिकारी शामिल हैं।